ग्वालियर, अतुल सक्सेना। कोरोना संक्रमण (Corona infection) से बचाव के लिए किये जा रहे तमाम सरकारी और सामाजिक प्रयासों के बीच अब इसमें माफिया (Mafia) भी सक्रिय हो गया है। ग्वालियर (Gwalior) में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें। कोरोना पेशेंट (Corona Patient) के परिजनों ने जो दलाल से प्लाज्मा खरीदा उसको चढ़ाते ही मरीज की मौत हो गई। परिजनों ने पड़ताल की तो मालूम चला कि दलालों को 18,000 रुपये देकर उन्होंने जो प्लाज्मा खरीदा था वो JAH की फर्जी रसीद के साथ बेचा गया था। मामला अब पुलिस के पास पहुँच गया है। इस मामले में निजी अस्पताल की लापरवाही भी सामने आई है।
कोरोना संक्रमण के बचाव के उपायों के बीच ठगों और दलालों ने कमाई का रास्ता ढूंढ लिया है। खास बात ये है कि ठग या माफिया गिरोह की जानकारी निजी अस्पताल से लेकर सरकारी अस्पताल तक लोगों को रहती है। एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें एक कोरोना पॉजिटिव मरीज के परिजनों ने दलाल के माध्यम से जो प्लाज्मा खरीदा उसे चढ़ाते ही मरीज की मौत हो गई। परिजनों ने मौत के बाद निजी अस्पताल में हंगामा किया। दुखी और पीड़ित परिजन पुलिस थाने पहुंचे जहाँ बहुत मशक्कत के बाद उनकी शिकायत दर्ज की गई।
दर असल दतिया निवासी मनोज गुप्ता को कोरोना पॉजिटिव बताये जाने के बाद परिजनों ने 3 दिसंबर को आरजेएन अपोलो अस्पताल (RJN Apollo Hospital) मे भर्ती कराया गया था। उनकी हालत बिगड़ने पर अस्पताल द्वारा 8 दिसंबर को प्लाज्मा का इंतजाम करने के लिए बोला गया। मृतक के परिजन नरेश गुप्ता के बताया कि उन्होंने अस्पताल से कहा कि वो ग्वालियर में किसी को नहीं जानते इसलिए आप मदद करें। तो अस्पताल स्टाफ ने उनके यहाँ के कर्मचारी जगदीश भदकारिया ने संपर्क करने के लिए कहा , जगदीश ने वेदांश अस्पताल के कर्मचारी महेश मौर्य से संपर्क करने के लिए कहा। जब महेश से संपर्क किया गया तो उसने उनके ही सामने किसी त्यागी को फोन लगाया और बताया कि ये जयारोग्य अस्पताल का कर्मचारी है ये प्लाज्मा उपलब्ध करा देगा।
प्लाज्मा का सौदा 18,000 रुपये में तय हुआ। उन्होंने तत्काल 18,000 रुपये त्यागी को दिये और त्यागी ने दो घंटे बाद ही प्लाज्मा उपलब्ध करा दिया। उसके साथ त्यागी ने एक पीले रंग का कार्ड दिया और कहा कि ये JAH का कार्ड है। प्लाज्मा लेकर वे अपोलो आ गए। अपोलो अस्पताल क स्टाफ ने तुरंत बिना जांच किये कार्ड को देखकर मरीज को प्लाज्मा देना शुरू कर दिया जिसके चढ़ाते ही मरीज की हालत बिगड़ गई और उन्हें वेंटि लेटर पर ले लिया गया फिर गुरुवार की शाम उनकी मौत हो गई। मौत के बाद परिजनों ने अपोलो अस्पताल पर हंगामा किया। अस्पताल प्रबंधन ने अपनी गलती मानने से इंकार कर दिया उन्होंने कहा कि हमने कार्ड देखकर प्लाज्मा चढ़ाया है। जब कार्ड लेकर वे लोग jAH के ब्लड बैंक गये तो बताया गया कि ये कार्ड उनके यहाँ का नहीं है और ना ही त्यागी नाम का कर्मचारी उनके यहाँ है। परिजनों को समझ आ गया कि वे माफिया और ठगों के चक्कर में आगये जिसमें उनके परिजन की जान चली गई।
उसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इसके लिए भी पड़ाव पुकीस ने उन्हें बहुत परेशान किया। मामला वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुँचने के बाद कई घंटे की मशक्कत के बाद मर्ग कायम हो सका। उधर इतना बड़ा मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग के भी कान खड़े हो गए। जिसके बाद सीएमएचओ डॉ मनीष शर्मा ने एक कमेटी गठित करने का भरोसा दिलाया है। वहीं शिकायत के बाद पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है उनसे पूछताछ की जा रही है।
बहरहाल अब लोगों को सावधान हो जाने की जरूरत है क्योंकि अब कोरोना जैसी गंभीर और संवेदनशील बीमारी में भी ठग और माफिया की एंट्री हो गई है। ये लोग पैसों के सामने किसी की जान की परवाह भी नहीं करते।