भोपाल, हरप्रीत कौर रीन। आदिवासी बाहुल्य मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में विश्व आदिवासी दिवस (world tribal day 2021) को छुट्टी ना होने को लेकर कांग्रेस ने हंगामा बरपा दिया। सरकार को आदिवासी विरोधी बताते हुए न केवल विधानसभा का बायकाट किया बल्कि धरना भी दे दिया। इसके जवाब में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने 15 नवंबर को शासकीय अवकाश की घोषणा कर डाली।
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सोमवार को विधानसभा का मानसून सत्र (monsoon session of mp assembly) हंगामे की भेंट चढ़ गया। दरअसल विधानसभा सत्र की शुरुआत होते ही कांग्रेस ने हंगामा शुरू कर दिया और विश्व आदिवासी दिवस यानि 9 अगस्त को मध्य प्रदेश की सरकार (MP Government) द्वारा शासकीय अवकाश घोषित न किए जाने को लेकर शोर-शराबा शुरू कर दिया। दरअसल इस दिन सामान्य अवकाश की बजाय एच्छिक अवकाश घोषित किया गया है जिसे लेकर कांग्रेस ने आपत्ति जताई थी। हंगामा बढ़ता गया और आखिरकार विधानसभा को मंगलवार तक के लिए स्थगित करना पड़ा।
इसके बाद कांग्रेसी विधानसभा परिसर में आकर धरने पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ आदिवासी विरोधी होने के नारे लगाने लगे। नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ (Kamal Nath) ने सरकार को आदिवासियों के मुद्दे पर जमकर घेरा और कहा कि आदिवासियों की संख्या मध्यप्रदेश में सवा दो करोड़ है और यदि छुट्टियां दो या चार और भी हो जाती तो कम ही रहती। लेकिन यह सरकार आदिवासी विरोधी (anti-tribal) है और आदिवासियों के हित में कोई काम करना नहीं चाहती।
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कांग्रेस (MP Congress) के इस आरोप के जवाब में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीजेपी (MP BJP) को आदिवासियों की सबसे बड़ी हितेषी पार्टी बताया और कहा कि कांग्रेस तो घड़ियाली आंसू बहा रही है और आदिवासियों की आड़ में दिवंगत आत्माओं को शांति दिए जाने वाले कार्यक्रम को बाधित कर रही है। शिवराज ने बिरसा मुंडा के जन्मदिन 15 नवंबर को आदिवासी गौरव दिवस मनाने की घोषणा की और यह भी कहा कि इस दिन शासकीय अवकाश रहेगा।