“मामाजी” के जन्म शताब्दी वर्ष पर डाक टिकट जारी, CM का एलान फिर शुरू होगा पुरस्कार  

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। प्रख्यात पत्रकार माणिकचंद्र वाजपेयी “मामाजी” (Manikchandra vajpeyee mamaji)के जन्मशताब्दी वर्ष के अवसर पर मध्यप्रदेश के जनसंपर्क विभाग ( Public Relations Department of Madhya Pradesh) और  डाक विभाग (Postal Department) ने डाक टिकट (Postage Stamp) जारी किया है। डाक टिकट अनावरण समारोह के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान थे। समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रख्यात पत्रकार माणिकचंद्र वाजपेयी “मामाजी” कर्मयोगी, राष्ट्रभक्त, अहंकार शून्य, सागर-सी गहराई और आकाश-सी ऊँचाई रखने वाले व्यक्तित्व थे। उनके नाम से मध्यप्रदेश सरकार द्वारा ध्येयनिष्ठ पत्रकारिता के लिए स्थापित राष्ट्रीय पुरस्कार पुन: प्रारंभ किया जाएगा। पूर्व सरकार द्वारा यह पुरस्कार बंद कर दिया गया था। उन्होंने कहा  कि मध्यप्रदेश सरकार राजेन्द्र माथुर के नाम से भी पत्रकारिता पुरस्कार को जारी रखते हुए मामाजी के नाम से प्रारंभ पुरस्कार को पूर्व की तरह प्रदान करेगी।

मिंटो हॉल भोपाल में रविवार को आयोजित डाक टिकट अनावरण समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मामाजी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल जी भी मामाजी का बेहद सम्मान करते थे। मामाजी के स्वर्गवास के समय अटल जी बहुत द्रवित हुए थे। लाखों कार्यकर्ताओं और सैकड़ों पत्रकारों के लिए मामाजी का समर्पित जीवन प्रेरणापुंज था। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने गीता से आदर्श मनुष्य के गुणों को श्लोक के माध्यम से उद्धृत करते हुए कहा कि आपातकाल की संघर्ष-गाथा और अन्य ग्रंथों के माध्यम से मामाजी ने अलग पहचान बनाई। उन्होंने अनेक प्रतिभाओं को निखारा। वे सहज, सरल, समर्पित और स्वाभिमानी थे। वे एक असाधारण व्यक्तित्व के धनी थे। मुख्यमंत्री ने डाक विभाग और जनसंपर्क विभाग द्वारा मामाजी के जन्म शताब्दी वर्ष पर इस आयोजन को सराहनीय बताया।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....