ग्वालियर, अतुल सक्सेना। कमलनाथ सरकार (Kamalnath Government) के समय पड़े आयकर छापों (Income tax raids) के दस्तावेजों में लेन देन करने वाले बड़े चेहरों का खुलासा होने के बाद प्रदेश में सियासी पारा उछाल पर है। सूची में तीन IPS अधिकारियों के साथ कुल साथ 64 लोग शामिल हैं इनमें विधायक, मंत्रियों और पूर्व मंत्रियों के नाम शामिल हैं। सूची में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Pradyuman Singh Tomar) का भी नाम शामिल हैं। इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूँ कि मामले की निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए यदि जांच एजेंसी को कोई व्यवधान आता है तो मैं किसी भी पल कुछ भी करने को तैयार हूँ।
मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बड़ा बयान दिया है। ग्वालियर में उन्होंने मीडिया से बात करते हुए आयकर छापों में उनका नाम आने के सवाल पर कहा कि मैं तो चाहता हूँ कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। यदि किसी ने पैसा लिया है तो सामने आना चाहिए और दोषी पर कार्र वाई होनी चाहिए। मीडिया में उनके इस्तीफे वाले बयान को स्पष्ट करते हुए ऊर्जा मंत्री ने कहा कि मेरे इस्तीफे का अभी सवाल ही नहीं है क्योंकि मैंने किसी से चंदा लिया ही नहीं है। आगे जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि यदि जांच एजेंसियों को कोई व्यवधान आता है तो मैं किसी भी पल कभी भी कुछ बाजी करने को तैयार हूँ। क्योंकि राजनीति में शुचिता की बात हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi ) और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan)भी करते हैं।
शिविर में सुनी जनता की समस्यायें
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर रविवार को ग्वालियर प्रवास पर थे वे तड़के जयपुर से ग्वालियर पहुंचे। उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र की जनता के लिए जन समस्या निवारण शिविर लगाया। शिविर में बिजली विभाग के अधिकारियों के अलावा नगर निगम, पुलिस, स्वास्थ्य, शिक्षा सहित अन्य बुनियादी जरूरतों वाले विभाग के अधिकारी मौजूद थे। शिविर की विशेषता ये थी कि इसमें जनता के बैठने के लिये कुर्सियां लगाई गई थी लेकिन ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर कुर्सी पर नहीं बैठे वे खुद चलकर जनता के बीच जा रहे थे और समस्या सुनने के बाद माइक पर संबंधित अधिकारी को बुलाकर समस्या निपटाने का निर्देश दे रहे थे।