द्रौपदी मुर्मू भारतीय राजनीतिज्ञ और 18 मई 2015 से झारखण्ड की राज्यपाल हैं। वो झारखण्ड की प्रथम महिला राज्यपाल हैं।वो वर्ष 2000 से 2004 तक ओडिशा विधानसभा में रायरंगपुर से विधायक तथा राज्य सरकार में मंत्री भी रहीं। वो पहली ओडिया नेता हैं, जिन्हें किसी भारतीय राज्य की राज्यपाल नियुक्त किया गया है।
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वो भारतीय जनता पार्टी और बीजू जनता दल की गठबन्धन सरकार में 6 मार्च 2000 से ६ अगस्त 2022 तक वाणिज्य और परिवहन के लिए स्वतंत्र प्रभार की राज्य मंत्री तथा 6 अगस्त 2022 से 16 मई 2004 तक मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री रहीं।
हालांकि यह पहली बार नहीं था जब उनका नाम सामने आया है। मुर्मू पिछले राष्ट्रपति चुनाव में भी संभावित उम्मीदवारों में शामिल थे। बता दें कि इससे पहले कांग्रेस ने 2007 में प्रतिभा देवी सिंह पाटिल को देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनाया था।
कौन है द्रौपदी मुर्मू
द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा में हुआ था। उनके पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू था और उनका विवाह श्याम चरम मुर्मू से हुआ था। वह ओडिशा में मयूरभंज जिले के कुसुमी ब्लॉक के उपरबेड़ा गांव के एक संथाल आदिवासी परिवार से आती हैं।
उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1997 में की थी और तब से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। द्रौपदी मुर्मू 1997 में ओडिशा के राजरंगपुर जिले में पार्षद चुनी गईं। उसी वर्ष मुर्मू भाजपा की ओडिशा इकाई के अनुसूचित जनजाति मोर्चा की उपाध्यक्ष भी बनीं। राजनीति में आने से पहले, मुर्मू ने श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च, रायरंगपुर में मानद सहायक शिक्षक और सिंचाई विभाग में कनिष्ठ सहायक के रूप में काम किया था।
मुर्मू ने 2002 से 2009 तक और फिर 2013 में मयूरभंज के भाजपा जिलाध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। वह ओडिशा में दो बार भाजपा की विधायक रही हैं और नवीन पटनायक सरकार में कैबिनेट मंत्री भी थीं। उस समय ओडिशा में बीजू जनता दल और भाजपा की गठबंधन सरकार चल रही थी।
ओडिशा विधान सभा ने द्रौपदी मुर्मू को सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया। द्रौपदी मुर्मू ने ओडिशा में भाजपा की मयूरभंज जिला इकाई का नेतृत्व किया और ओडिशा विधानसभा में रायरंगपुर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया।
वह झारखंड की पहली महिला राज्यपाल भी रह चुकी हैं। मुर्मू को झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह ने शपथ दिलाई थी। द्रौपदी मुर्मू ने अपने पति और दो बेटों को खो दिया, लेकिन अपने समुदाय के लिए काम करने का उनका संकल्प अडिग था। उन्हें आदिवासी समुदाय के उत्थान के लिए काम करने का 20 साल का अनुभव है और वह भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण आदिवासी चेहरा हैं।