कोरोना संकटकाल के बीच मध्य प्रदेश में नगर निगम, नगर पालिका एवं नगर पंचायतों के अध्यक्ष के कार्यकाल को लेकर बड़ा पेंच फंस गया है। जिस पर अभी तक मुख्यमंत्री चौहान की तरफ से कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इसी बीच तकरीबन डेढ़ सौ नगरीय निकाय के अध्यक्ष एवं पूर्व अध्यक्ष ने आज मंत्री गोपाल भार्गव से चर्चा की। इसके साथ ही अध्यक्षों ने अपनी मांग का ज्ञापन भी बीजेपी मंत्री गोपाल भार्गव को सौंपा।
दरअसल मध्यप्रदेश में नगर निकाय के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया अधर में लटकी हुई है। वही कोरोना संकटकाल के बीच लगातार इसकी मांग की जा रही है। राज्य शासन द्वारा कोई सुनवाई ना होने पर आज नगर पालिका नगर निगम एवं नगर पंचायतों के अध्यक्ष एवं पूर्व अध्यक्षों ने गोपाल भार्गव से मिलकर उनके समक्ष अपनी समस्या रखी। इसके साथ ही उन्होंने अगले निर्वाचन तक कार्यकाल बढ़ाने का ज्ञापन भी बीजेपी मंत्री को सौंपा और साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी इस मांग से अवगत कराने का आग्रह किया। जिसके बाद बीजेपी मंत्री गोपाल भार्गव ने उन्हें आश्वासन देते हुए कहा है कि वह उनकी मांगों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समक्ष रखकर उनसे चर्चा करेंगे। इसके साथ ही वह इस पर अध्यक्ष को उचित सम्मान दिलाने का प्रयास भी करेंगे। गोपाल भार्गव ने यह भी कहा कि उनकी शुरू से मान्यता रही है कि निर्वाचित जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र के जन समस्याओं के बारे में अधिकारियों से बेहतर जानकारी रखते हैं।इसके साथ ही वह जन कल्याण की चिंता कर समस्या का यथासंभव समाधान करने का प्रयास भी करते हैं।
बता दें कि नगर निगम नगर पालिका एवं नगर पंचायतों के अध्यक्षों के चुनाव को कोरोना की वजह से रद्द कर दिया गया था। जिसके बाद अब उपचुनाव से पहले नगर निगम के चुनाव होने संभव नहीं है। जिसको देखते हुए अध्यक्षों द्वारा लगातार अगले निर्वाचन तक कार्यकाल बढ़ाने की मांग की जा रही है।