राजीव गांधी की पुण्यतिथि- राहुल, प्रियंका ने भावुक होकर किया पिता को याद

Atul Saxena
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajeev Gandhi) की 30वीं पुण्यतिथि पर देश उन्हें याद कर रहा है।  विभिन्न राजनीतिक दल के नेता राजीव गांधी (Rajeev Gandhi) को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।  राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी अपने पिता को याद किया और भावुक ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।  कांग्रेस इस दिन को सेवा और सद्भावना दिवस के रूप में मना रही है।

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्य तिथि पर कांग्रेस सहित देश के लोग उनके भारत को लेकर विजन को याद कर रहे हैं। राजीव गांधी भारत को विश्व में तकनीक के रूप में भी विश्व में सबसे ऊपर देखना चाहते थे।  21 मई 1991 को लिट्टे के एक आत्मघाती हमले में राजीव गांधी का निधन हो गया।  वे उस समय लोकसभा चुनाव के प्रचार पर थे।

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राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अपने पिता को केवल तीन शब्द लिखकर याद किया। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने राजीव गांधी के लिए लिखा – सत्य करुणा, प्रगति…

 

उधर प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने भी पिता राजीव गांधी के लिए भावुक पोस्ट लिखी।  प्रियंका ने लिखा – प्यार से बड़ी कोई शक्ति नहीं , दया से बड़ा कोई साहस नहीं, विनम्रता से बड़ा कोई गुरु नहीं। …

राहुल गांधी ने राजीव गांधी के समाधि स्थल बीरभूमि पहुंचकर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किये।

कांग्रेस ने राजीव गांधी को एक दूरदर्शी नेता बताते हुए ट्विटर पर एक वीडियो साझा किया। कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडिल पर राजीव गांधी के योगदान को याद करते हुए कई पोस्ट साझा की।

लिट्टे की महिला आतंकवादी ने पहनाई थी फूलों की माला 

गौरतलब है कि लिट्टे की महिला आतंकवादी धनु (तेनमोजी राजरत्नम) ने 21 मई 1991 को राजीव गांधी को फूलों की माला पहनाई थी।  उसने राजीव गांधी के पैर हुए और झुकते समय कमर में लगे विस्फोटकों को दबाकर ब्लास्ट कर दिया। धमाका इतना तेज था कि कई लोगों को चीथड़े उड़ गए।  राजीव गांधी और आत्मघाती हमलावर धनु के साथ 16 लोगों की जान  इस ब्लास्ट में गई थी।

इसलिए लिट्टे ने करवाई थी राजीव गांधी की हत्या

दरअसल राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद अपने कार्यकाल में श्रीलंका में शांति सेना भेजी थी इस कारण लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम,लिट्टे राजीव गांधी से नाराज चल रहा था। 1991 में जब चुनाव प्रचार के लिए जब राजीव गांधी चेन्नई के पास श्रीपेरम्ब्दूर गए तो लिट्टे ने उनके ऊपर आत्मघाती हमला करवा दिया था।  जिसमें राजीव गांधी की मौत हो गई।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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