इंदौर, आकाश धोलपुरे
वो गलियों में तो कभी कालोनियों में तो कभी देश की रक्षा के बॉर्डर पर तो कही जान पर खेलकर उन बमो को ढूंढकर हजारो लाखो जिंदगियों की रक्षा करते है। जी हां हम बात कर रहे है डॉग्स की जो इन दिनों इंदौर में भले ही स्ट्रीट डॉग के तौर पर आवारा कहलाकर लोगो को काटने जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हो लेकिन क्या कभी आपने इसके पीछे की वजह जानने की कोशिश की है ? नही ना तो हम आपको बता रहे है कि आखिर स्ट्रीट डॉग्स (सड़को पर घूमने वाले श्वान) क्यों किसी पर गुस्सा हो जाते और क्यों वो किसी को भी काट लेते है। इसकी कई वजहों में से सबसे वजहें है डॉग्स को यदि खाना, पानी और प्यार मिलता रहे तो वो डॉग बाइटिंग की घटना पर बहुत हद तक रोक लगाई जा सकती है।
इसी उद्देश्य के साथ इंदौर में बीते 3 साल से डॉग्स की देखभाल कर रहे पाश इलाके ओल्ड पलासिया के रहवासी डॉग्स खास तौर से स्ट्रीट डॉग्स की हर जरूरत को पूरा करते है। संस्था डॉगीटाईजेशन के जरिये ग्रुप में शामिल महिलाये न सिर्फ अपनी कालोनी बल्कि शहर के अन्य इलाकों के स्ट्रीट डॉग्स की मदद के लिए हमेशा तैयार रहती है। महिलाओ की माने तो डॉग्स प्रकृति प्रदत्त सुरक्षा गार्ड है और उन्हें बस खाना, पानी और प्यार की ही जरूरत होती है जिसका एक अहम रोल आम आदमी के जीवन मे भी है। डॉग्स के द्वारा की जाने वाली सुरक्षा को जेहन में रखते हुए आज इंदौर के ओल्ड पलासिया क्षेत्र में “रक्षा सूत्र उत्सव” मनाया गया। इस उत्सव की खासियत ये रही कि इसमे महिलाओ ने भाई को जिस तरह से राखी बांधी जाती है उसी तर्ज पर राखी बांधी, आरती उतारी और साथ ही उन्हें स्वादिष्ट व्यंजन भी खिलाये।
रक्षाबंधन के ठीक 2 दिन पहले सेलिब्रेट किये गए रक्षा सूत्र उत्सव की चर्चा शहरभर में है और हर साल की ही तरह इस साल इस खास अंदाज में मनाया गया। सोशल मीडिया की पहल से शुरू हुई संस्था डॉगीटाईजेशन आज शहरभर में डॉग्स की देखभाल के लिए जानी जाती है। डॉयटाइजेशन मुहिम की सूत्रधार वंदना जैन की माने तो डॉग से बड़ा कोई रक्षक नही है और प्रकृति ने उसे इसलिए आम लोगो के बीच रखा है नही तो उसे भी जंगल मे होना था। उन्होंने बताया कि आज रक्षा सूत्र उत्सव के मौके पर महिलाएं स्ट्रीट डॉग्स के बनाये गए डॉग हाउस में जाकर राखी बांधी गई और उन्हें प्यार और दुलार दिया गया। संस्था की अन्य महिला सदस्यों की माने तो हर रोज उनके द्वारा स्ट्रीट डॉग्स को भोजन की व्यवस्था करवाई जाती है और उनका खास तौर पर ध्यान रखा जाता है। महिलाओ की माने तो श्वानों के काटने की घटनाएं बढ़ रही है लेकिन उस पर अंकुश लगाया जा सकता है। इसके लिए बकायदा PPP फार्मेट का उपयोग होना चाहिए और साथ ही प्रशासन को भी स्ट्रीट डॉग्स के लिए बेहतर क्रियान्वयन करना होगा।
महिलाओ की माने तो डॉग्स को समय पर भोजन, पानी और लोगो प्यार व दुलार मिलेगा तो वो किसी को नही काटेंगे लेकिन यदि वो भूखे और प्यासे रहेंगे तो फिर ऐसी घटनाये सामने आती है। वही स्ट्रीट डॉग्स की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण के लिये dogs की Vasectomy की आवश्यकता भी समय समय पर रहती है। रक्षा सूत्र उत्सव में सभी ने संकल्प लिया कि इस मुहिम को आगे ले जाएंगे ताकि सबकी रक्षा करने वाले डॉग्स खुद भी महफूज रह सके क्योंकि इस दुनिया मे उन्हें जीने का उतना ही अधिकार है जितना अन्य प्राणियों को।