Rape : 6 साल की मासूम के साथ 15 साल के नाबालिग ने की ज्यादती, मामला दर्ज

भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में हाल ही में सीएम शिवराज (CM Shivraj) ने कन्या पूजन करने के साथ योजनाओं का शुभारंभ करने का एलान किया था वहीं प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) से समाज को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है, जहां एक 6 साल की लड़की का रेप (Rape )15 साल के नाबालिग लड़के द्वारा किया गया। रेप (Rape )का खुलासा तब हुआ जब बच्ची ने अपनी मां से रोते हुए अपने पास चिपकाकर सुलाने को कहा। लड़की के रोने पर परेशान होकर मां ने कई बार उससे पूछा की वो रो क्यो रही है पर बच्ची इतनी सहमी हुई थी कि उसने कुछ नहीं कहा, लेकिन जब बच्ची के पापा ने उससे कहा कि बेटा अपने पापा को नहीं बताओंगी तो बच्ची ने अपने साथ हुई घटना के बारे में अपने पिता को बताया,जिसको सुनकर बच्ची के मां-बाप हक्के बक्के रह गए।

दरअसल, पूरा मामला करोंद इलाके (Karond) का है,जहां 6 साल की बच्ची के साथ 15 साल के लड़के ने ना सिर्फ उसके साथ रेप |(Rape) किया बल्कि उसको जान से मारने की धमकी भी दी। गौरतलब है कि बच्ची आरोपी को भैया कहती थी। पूरा मामला गुरुवार दोपहर 2:00 बजे का है जब बच्ची अपने छत पर बैठकर मोबाइल में गेम खेल रही थी तभी 15 साल का लड़का उसकी छत पर पहुंचा और बच्ची के साथ अश्लील हरकतें करने लगा। इसके बाद जब बच्ची को दर्द हुआ तो वह रोने लगी। वहीं बच्ची के रोने पर लड़के ने उसे धमकाते हुए कहा कि अगर यह बात किसी को भी बताई तो मैं तुझे जान से मार डालूंगा। वहीं जब पूरी घटना की जानकारी बच्ची के पिता को लगी तो उन्होंने रिश्तेदारों से बात कर कर शुक्रवार शाम निशातपुरा थाना जाकर केस दर्ज करवाया।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।