राशन घोटाला: पीडीएस की दुकानों पर पहुंचाना था राशन, रास्ते में डकारा, दो ट्रांसपोर्टरों पर FIR

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। कोरोना महामारी (Corona Epidemic) के दौरान लॉक डाउन (Lock Down) में जहाँ लोग आगे बढ़कर परेशान लोगों को भोजन और अन्य जरूरी चीजें उपलब्ध करा रहे थे और सरकार भी गरीबों को कंट्रोल की दुकानों के माध्यम से राशन उपलब्ध करा रहा थी वहीं कुछ राशन माफिया गरीबों को मिलने वाला अनाज खुर्द बुर्द करने में लगे थे। मामले का खुलासा होने के बाद दो ट्रांसपोर्टरों पर पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है।

सार्वजनिक वितरण प्रणाली (Public distribution system) यानि पीडीएस के तहत गरीबों को मिलने वाले राशन को बीच रास्ते में ही डकारने वाले दो ट्रांसपोर्टरों के खिलाफ झांसी रोड थाना पुलिस ने FIR दर्ज की है। जानकारी के मुताबिक मुरैना की ट्रांसपोर्ट कंपनी अग्रवाल महाराष्ट्र ट्रांसपोर्ट (Agrawal Maharashtra Transport) पर ग्वालियर के शहरी क्षेत्र में संचालित कंट्रोल की 140 दुकानों पर नागरिक आपूर्ति निगम (Civil supplies corporation) से राशन लेकर पहुंचाने का ठेका था। ये कंपनी समय पर दुकानों तक राशन नहीं पहुंचा पा रही थी। इसके अलावा राशन बाजार बेचे जाने और दुकानों तक कम दिये जाने की भी शिकायतें मिल रही थी। जांच के बाद नागरिक आपूर्ति निगम ने अग्रवाल महाराष्ट्र कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया और निगम ने ये काम ग्रामीण क्षेत्रों में राशन पहुंचाने वाली कंपनी अग्रवाल रोड लाइंस (Agarwal Road Lines) को दे दिया। इस कंपनी ने भी राशन दुकानों तक समय पर नहीं पहुंचाया। जब शिकायत की जांच निगम के अफसरों ने की तो मालूम चला कि अग्रवाल महाराष्ट्र ट्रांसपोर्ट और अग्रवाल रोड लाइंस के संचालक आपस में रिश्तेदार हैं। जिसके बाद निगम ने अग्रवाल रोड लाइंस को भी ब्लैक लिस्ट कर दिया। इसके बाद नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक संजय सक्सेना ने झांसी रोड थाने को ट्रांसपोर्टर मुन्नालाल अग्रवाल और राहुल अग्रवाल पर FIR करने के लिए शिकायती पत्र लिखा जिसके बाद झांसी रोड थाना पुलिस ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....