Banking News: दुनिया में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस उर्फ AI का बोलबाला बढ़ता जा रहा है। अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) भी अपने सुपरविजन कार्यों के एआई का इस्तेमाल करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए केन्द्रीय बैंक ने कुछ कंपनियों का चयन भी किया है, जिनके McKinsey और Accenture Solutions हैं।
ये है वजह
एआई की लोकप्रियता दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इसके कई नुकसान और फायदे हैं। सबसे बड़ा फायदा यह कि आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल से गलतियों की गुंजाइश कम हो जाती है। इंसानों के मुकाबले यह कम समय में कैलकुलेशन का सटीक जवाब देता है। शायद इसलिए आरबीआई अपने विशाल डेटाबेस के विश्लेषण करने और बैंकों के साथ -साथ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) पर रेगुलेटरी सुपरविजन में सुधार लाने के लिए एआई, एनालिस्टिक्स और ML का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करना चाहता है, जिसके लिए सेंट्रल बैंक बाहरी विशेषज्ञों को नियुक्त करने की प्लानिंग कर रहा है।
पिछले साल से चल रही है तैयारी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल आरबीआई ने निरीक्षण में Analystics, एआई और एमएल के इस्तेमाल के लिए सलाहकारों को शामिल के लिए अभिरुचि पत्र (EoI) आमंत्रित किए थे। ईओआई दस्तावेजों के मूल्यांकन के आधार पर सात आवेदकों को सलाहकारों के लिए छाँटा गया था। इस लिस्ट में डेलॉयट टौशे तोहमात्सू इंडिया एलएलपी, बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड, एक्सेंचर सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड, अन्सर्ट एंड यंग एलएलपी, मैकिन्से एंड कंपनी, केपीएमजी एश्योरेन्स एंड कंसल्टिंग सर्विसेज़ एलएलपी और प्राइसवाटरहाउस कूपर्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। इतना ही नहीं आरबीआई के दस्तावेजों के अनुसार केन्द्रीय बैंक ने McKinsey और Accenture Solutions के साथ 91 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट भ दिया था।