आप जानते हैं कि भारत और इंग्लैंड के समय में लगभग साढ़े पांच घंटे का अंतर है। भारत समय के हिसाब से लगभग साढ़े पांच घंटे आगे हैं, मतलब जब भारत में दोपहर के ढाई बज रहे होते हैं तो इंग्लैंड में सुबह के 9 बजते हैं। इसी तरह अलग अलग देशों के मानक समय में अंतर होता है। लेकिन ये अंतर आखिर होता क्यों है, इसके पीछे क्या वजह है। आईये आज इसे समझने की कोशिश करते हैं।
इसे तकनीकी भाषा में टाइम ज़ोन कहते हैं और ये 18वीं सदी के बाद प्रचलन में आया।18 वीं सदी से पहले दुनिया भर में सूर्य घड़ी (Sun Clock) को देखकर समय देखा और मिलाया जाता था, लेकिन सर सैंडफोर्ड फ्लेमिंग ने 1884 में टाइम जोन को बनाया,जिससे दुनिया भर के समय को सही दिशा मिली। हम सब जानते हैं कि पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है। तो जब भारत में सूर्य उदय होता है तो उसी समय पृथ्वी के किसी दूसरे हिस्से में अंधेरा होता है। इस प्रकार पृथ्वी के किसी हिस्से में सूर्य की तिरछी किरणें पड़ती हैं तो कहीं सीधी किरणें। इसीलिए जब किसी स्थान में दोपहर का समय होता है किसी स्थान में शाम का और कही रात गहराती है। लेकिन यदि यहां हम दुनियाभर की घड़ियों को एक ही समय में बांध दें तो अनर्थ हो जाएगा। जैसे किसी के यहां 5 बजे सुबह होगी तो किसी के यहां 5 बजे दोपहर तो कहीं 5 बजे शाम।
इस समस्या को हल करने के लिए ही समय देशांश रेखाओं के आधार पर क्षेत्रीय समय को बनाया गया। दुनिया के नक्शे को देशांश रेखाओं (Longitude lines) के आधार पर प्रत्येक 15 अंश के अंतर पर 24 बराबर बराबर के काल्पनिक हिस्सों में बाँट दिया गया है। इसकी शुरुआत (0 अंश) से होती है। यह0 अंश वाली रेखा इंग्लैंड के ग्रीनविच में स्थित वेधशाला से शुरू होती है और समय की गणना यहीं से शुरू होती है। इसे अंतर्रराष्ट्रीय मानक समय (ग्रीनविच मीन टाईम) के नाम से जाना जाता है। ग्रीनविच रेखा से दाहिनी ओर वाले देशों का समय आगे होता है और ग्रीनविच रेखा से बाईं ओर वाले देशों का समय पीछे होता है। इसी प्रकार हर देश का अपना मानक समय तय हुआ है। भारत में यह रेखा इलाहाबाद के निकट नैनी से गुजरती है। यहीं से भारत का राष्ट्रीय मानक समय माना जाता है। भारत का मानक समय ग्रीनविच रेखा से 82.5° अंश दाहिनी ओर है, जिसका अर्थ है कि भारत का मानक समय ग्रीनविच के मानक समय से साढ़े पाँच घंटे आगे है। यानि जब ग्रीनविच रेखा के पास रात के 12 बजेंगे तब यहां के सुबह के 5.30 बजेंगे।
तो अब कभी अगर आप विदेश यात्रा पर जाएं तो संभव है कि भारतीय समय के अनुसार एक दिन पहले निकले और जब वहां पहुंचे तो वो एक दिन पुरानी तारीख हो। इसी वजह से आपको अपनी घड़ी दुबारा सेट करनी पड़ सकती है और जेटलेग के पीछे भी ये एक कारण है। समय के बीच का ये अंतर समझ जाने पर हम इस समस्या का सामना थोड़ा सहज होकर कर सकते हैं। इसलिए अगली बार अपनी विदेश यात्रा से पहले एक बार दोनों देशों के बीच के समय के अंतर को ज़रूर माप लें।