नईदिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। एक तरफ जहां देश में कृषि किसान आंदोलन अपने चरम पर है। वहीं दूसरी तरफ लगातार विपक्षी दलों द्वारा यह बयान सामने आ रहे हैं कि इन नए कृषि कानूनों का सीधा फायदा अंबानी-अडानी जैसे उद्योगपतियों को होगा। जिसके बाद अब रिलायंस इंडस्ट्री लिमिटेड (Reliance Industry Limited) की सब्सिडियरी जियो इन्फोकॉम ने हाईकोर्ट (highcourt) में याचिका दायर की है। इसके साथ ही रिलायंस इंडस्ट्री लिमिटेड ने कहा है कि कृषि कानूनों (farm laws) में रिलायंस का नाम जोड़ने का एकमात्र उद्देश्य रिलायंस के व्यापारियों को नुकसान पहुंचाना है।
दरअसल नए कृषि कानूनों को लेकर लगातार उपद्रवियों द्वारा जियो इन्फोकॉम के बाहर तोड़फोड़ की जा रही है। इस गैरकानूनी घटनाओं को रोकने के लिए जिओ इन्फोकॉम ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। इसके साथ ही किसी कानून पर रिलायंस इंडस्ट्री लिमिटेड ने स्टेटमेंट भी जारी किया है।
रिलायंस ने अपने स्टेटमेंट में लिखा है कि कृषि कानूनों में रिलायंस का कोई फायदा नहीं है। बल्कि यह रिलायंस की प्रतिष्ठा को तहस-नहस करने के लिए किया जा रहा है। वहीं रिलायंस ने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, रिलायंस रिटेल लिमिटेड (reliance retail limited) और रिलायंस से जुड़ी कोई भी अन्य कंपनी ना तो कॉरपोरेट या कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग (contract farming) करती है ना ही करवाती है। इसके साथ ही रिलायंस ने कहा रिलायंस की किसी भी सहायक कंपनी का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से खेती की कोई भी जमीन खरीदने में कोई हाथ नहीं है और ना ही ऐसी कोई योजना है।
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रिलायंस ने कृषि कानूनों पर बोलते हुए कहा कि कंपनी ने कभी भी दीर्घकालीन खरीद अनुबंध नहीं किए हैं। कंपनी का कहना है कि वह किसानों से खाद्यान्न की सीधी खरीदी नहीं करती है। इसी के साथ रिलायंस ने कहा है कि सप्लायर किसानों से एमएसपी (MSP) पर ही खरीदी करेंगे।
इसी के साथ किसानों से अनुचित लाभ लेने के मामले में बोलते हुए रिलायंस इंडस्ट्री ने कहा कि किसान 130 करोड़ भारतीयों का पेट भरते हैं। किसान अन्नदाता है और हम उनका सम्मान करते हैं। रिलायंस किसी भी तरह से किसानों से अनुचित लाभ नहीं लेना चाहती है और किसान को समृद्ध और सशक्त बनाने के लिए रिलायंस और उसकी सहयोगी कंपनियां प्रतिबद्ध है। वहीं जियो इन्फोकॉम ने पंजाब हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल करते हुए गैर कानूनी ढंग से रिलायंस के सब्सिडियरी कंपनी पर हमला करने वाले लोगों के खिलाफ तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है।