प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित जसराज (Pandit Jasraj) का निधन हो गया है। सोमवार शाम उन्होंने अमेरिका के न्यू जर्सी (New Jersey) में अपनी आख़िरी साँस ली। 90 साल की उम्र में पंडित जसराज ने इस संसार को अलविदा कह दिया। जानकारी के मुताबिक दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हुआ।
पंडित जसराज का जन्म 28 जनवरी 1930 को ऐसे परिवार में हुआ जिसमें 4 पीढ़ियों से हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत की परंपरा रही है। उनके पिताजी पंडित मोतीराम जी स्वयं मेवाती घराने के एक विशिष्ट संगीतज्ञ थे। पंडित जसराज ने अपने बड़े भाई संगीत महामहोपाध्याय पं० मणिराम जी से प्रारंभिक संगीत की शिक्षा ली । उन्हीं की छत्रछाया में पं. जसराज ने संगीत शिक्षा को आगे बढ़ाया तथा तबला वादन भी सीखा। इसके पश्चात् उन्होंने मेवाती घराने के दिग्गज महाराणा जयवंत सिंह वाघेला से तथा आगरा के स्वामी वल्लभदास जी से संगीत विशारद प्राप्त किया। पंडित जी के परिवार में उनकी पत्नी मधु जसराज, पुत्र सारंग देव और पुत्री दुर्गा हैं जसराज है।
पंडित जसराज को पद्मश्री, पद्मभूषण, लता मंगेशकर सम्मान सहित कई बड़े पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। शास्त्रीय और अर्ध-शास्त्रीय संगीत में उनकी ख्याति देश विदेशों में रही।पंडित जसराज ने भारत, कनाडा और अमेरिका सहित कई देशों में भारतीय शास्त्रीय संगीत का विस्तार किया इसी के साथ अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ (IAU) ने 11 नवंबर, 2006 को खोजे गए हीन ग्रह 2006 VP32 (संख्या -300128) को पंडित जसराज के सम्मान में ‘पंडित जसराज’ नाम दिया था। उनका जाना संगीत के क्षेत्र में एक अपूरणिय क्षति है। उनके निधन पर संगीत जगत के कई दिग्गजों ने शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है।