भोपाल।
एक ही प्रक्रिया से गुजर कर अगर दो लोगों के वेतन-भत्तों में बड़ा अंतर दिखे तो सुनने में थोड़ा अजीब लगता है। वहीँ दूसरी तरफ चाहें देश में कैसे भी हालत हो जनप्रतिनिधियों के वेतन भत्ते की बात ही अलग है। इसी बीच कुछ चौकाने वाले आंकड़े सामने आये हैं। जिनके मुताबिक मध्यप्रदेश(madhyapradesh) के विधायकों(mlas) का वेतन अन्य प्रदेशों के विधयाकों से कहीं ज्यादा है। सूत्रों के अनुसार ताज़ा प्राप्त आंकड़ों की माने तो प्रदेश के विधायक मेघालय(meghalay) राज्य के विधायकों से करीब पांच गुना ज्यादा वेतन(salary) उठा रहे हैं।
दरअसल भारतीय लोकतंत्र में विधानसभाओं को निर्णय लेने की स्वतंत्रता है। जिसमें उन्हें विधायकों के वेतन-भत्ते घटाने या बढ़ाने का भी अधिकार है। इस व्यवस्था से देशभर की विधानसभाओं में विधायकों के वेतन-भत्तों में काफी अंतर दिखाई देता है। वहीँ सूत्रों के अनुसार प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक पूर्वोत्तर राज्यों में अरुणाचल(arunachal) और असम(assam) के विधायकों को मेघालय के विधायक से छह गुना तक ज्यादा वेतन-भत्ते मिलते हैं। वहीँ मेघालय के विधायकों को सबसे कम वेतन मिलता है। जबकि बात अगर मध्यप्रदेश के विधयाकों की करें तो उन्हें मेघालय विधयकों से करीब पांच गुना ज्यादा 1 लाख 10 हजार रुपए वेतन-भत्ते पा रहे हैं। जबकि मेघालय के विधायकों का वेतन 20 हजार रुपए प्रतिमाह है। दूसरी तरफ मध्यप्रदेश में विधायकों के वेतन-भत्ते छत्तीसगढ़ के विधायकों से 30 हजार रुपये ज्यादा हैं। हरियाणा और पड़ोसी राज्य पंजाब के विधायकों के वेतन-भत्ते में भी लगभग दोगुना अंतर है।
बता दें कि मध्य प्रदेश में अप्रैल 2016 में विधायकों के वेतन-भत्तों में आखिरी बार वृद्धि की गई थी। इसके बाद कमलनाथ सरकार ने भी कार्यभार ग्रहण करने के बाद इसे फिर बढ़ाने पर विचार किया था। लेकिन कमिटी गठन के बावजूद इस पर फैसला नहीं हो पाया है। वहीँ पिछले दिनों मध्य प्रदेश विधानसभा में विधायकों के वेतन-भत्तों को बढ़ाने की कवायद जब शुरू की गई थी तो देशभर की विधानसभा के वेतन-भत्तों का तुलनात्मक अध्ययन हुआ था। उससे ही यह चौंकाने वाला अंतर सामने आया।