सिंधिया का वार, कमलनाथ की सोच उनको अर्पित, घटना दुखद मैं खुद मिलूँगा पीड़ितों से

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) पर निशाना साधा है और कहा है कि कमलनाथ जी को सोच को मैं उन्हें ही अर्पित करता हूँ। मुरैना (Morena की घटना दुःखद है। मैं स्वयं जा रहा हूँ पीड़ित परिवारों से मिलने। क्योंकि जिन परिवारों पर दुःख का पहाड़ टूटा है उनसे मिलना मैं अपना धर्म समझता हूँ।

मुरैना (Morena) में जहरीली शराब (Poisonous liquor) पीने के बाद हुई मौतों पर सियासत भी जारी है। घटना के बाद पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ (Kamalnath) ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan)तंज कसा था। कमलनाथ (Kamalnath)ने अपने बयान में कहा था मध्यप्रदेश में राशन नहीं मिल रहा है लेकिन शराब मिल रही है। ग्वालियर पहुंचे राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) से जब मीडिया ने इसपर प्रतिक्रिया चाही तो उन्होंने कहा कि कमलनाथ (Kamalnath) जी के जमाने में क्या होता था यह कहने की जरूरत नहीं है, इसका आभास आप लोगों को भी है , इसका आभास जनता को भी है और शायद इसका आभास कमलनाथ जी को भी हैं। कमलनाथ जी को इसका आभास उपचुनाव में मिल गया है। सिंधिया (Scindia) ने कहा कि कमलनाथ (Kamalnath) जी की जो सोच विचारधारा है, मैं उनको ही अर्पित करना चाहता है। हमको अपना काम करना है। मैं स्वयं जा रहा हूँ उस गांव में लोगों से मिलने। घटना दुःखद और निंदनीय है, जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जायेगा। सिंधिया (Scindia) ने कहा कि मैंने हमेशा कहा है कि मैं सुख के समय नहीं रहूं लेकिन दुख के समय जरूर सबके साथ रहूंगा। जिन परिवारों पर दुख का पहाड़ टूटा है उनके समक्ष जाना मैं अपना धर्म समझता हूँ ।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....