निजी अस्पताल  पहुंचे एसडीएम,  बिना मास्क डॉक्टर को देखकर दी  समझाइश

अशोकनगर/मुंगावली, स्वदेश शर्मा । कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए अब प्रशासनिक अधिकारी भी एक्शन मोड़ में नजर आ रहे हैं और सड़कों पर उतरकर लोगों को इसके बचाव के साथ साथ जागरूकता का कार्य भी करते नजर आ रहे हैं। लेकिन इसके बाद भी कुछ लोग कितने लापरवाह है इसका नजारा बुधबार को उस समय देखने मिला जब एसडीएम राहुल गुप्ता बिना मास्क लगाए लोगों व दुकानदारों पर कार्रवाई करते हुए बस स्टेंड स्थित डॉ प्रमोद जैन के क्लिनिक पर पहुँचे तो यहां डॉ खुद ही बिना मास्क लगाए बैठे नजर आए।

जिसको देखकर एसडीएम ने इनको समझाइश दी तब इन्होंने मास्क लगाया। जिसके बाद एसडीएम ने इनसे कहा कि अस्पताल में आने जाने वाले लोगों की इंट्री होना चाहिए। साथ ही सेनेटाइजर की व्यवस्था होनी चाहिए। इस तरह बिना मास्क में बैठे डॉक्टर को देखकर कहा जा सकता है कि आज भी ऐसे जिम्मेदार लोग कोरोना को लेकर गंभीर दिखाई नही दे रहे हैं।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।