वरिष्ठ भाजपा नेता का छलका दर्द, कही ये बड़ी बात, कांग्रेस ने भी कसा तंज 

Atul Saxena
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अजय विश्नोई

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने कल 3 जनवरी को अपने बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल (Cabinet)  का विस्तार कर लिया और सिंधिया समर्थक दो विधायकों तुलसीराम सिलावट (Tulsiram Silavat) और गोविन्द सिंह राजपूत (Govind Singh Rajput) को एक बार फिर कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister) का दायित्व सौंप दिया। हालाँकि मंत्रिमंडल के इस लघु विस्तार के बाद से सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह विपक्ष (Opposition) ने निशाने पर है, कांग्रेस (Congress) ने तो उन्हें असहाय और मजबूर मुख्यमंत्री तक कह दिया है। मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा (Narendra Saluja) ने शिवराज सरकार (Shivraj Government)के मंत्रिमंडल के पुनर्गठन पर सवाल उठाते हुए कहा था कि मंत्रिमंडल का पुनर्गठन देखकर यह स्पष्ट हो गया है कि मध्य प्रदेश में एक मजबूत नहीं, बल्कि असहाय और मजबूर मुख्यमंत्री कुर्सी पर बैठे हैं, भाजपा की इतनी दयनीय स्थिति पहले कभी नहीं देखी। ऐसा लग रहा है कि आज भाजपा कुछ जयचंदों  व आयातित लोगों की पार्टी होकर उनके सामने गिरवी पड़ी है।

सरकार के फैसले पर विपक्ष को निशाना साधना समझ में आता है लेकिन शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार पर पार्टी के वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री अजय विश्नोई (Ajay Vishnoi) ने सवाल उठाए हैं। विश्नोई ने दो ट्वीट कर अपना दर्द बयां किया है। उन्होंने लिखा -“महाकौशल’ अब उड़ नहीं सकता फड़फड़ा सकता है! मध्यप्रदेश में सरकार का पूर्ण विस्तार हो गया है। ग्वालियर, चंबल, भोपाल, मालवा क्षेत्र का हर दूसरा भाजपा विधायक मंत्री है। सागर, शहडोल संभाग का हर तीसरा भाजपा विधायक मंत्री है।”  दूसरे ट्वीट में विश्नोई ने लिखा- “महाकौशल  के 13 भाजपा विधायकों में से एक को तथा रीवा संभाग में 18 भाजपा विधायकों में से एक को राज्य मंत्री बनने का सौभाग्य मिला है। महाकौशल और विंध्य अब फड़फड़ा सकते हैं उड़ नहीं सकते। महाकौशल और विंध्य को अब खुश रहना होगा। खुशामद करते रहना होगा।” बधाई।

वरिष्ठ भाजपा नेता का ट्वीट सामने आते ही कॉंग्रेस एक वार फिर शिवराज सरकार पर हमलावर हो गई। पूर्व मंत्री एवं कॉंग्रेस विधायक पीसी शर्मा (PC Sharma) ने पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा विधायक अजय विश्नोई (Ajay Vishnoi) के ट्वीट पर एक शेर कहते हुए कमेंट किया – “उसूलों पे जहाँ आँच आये टकराना ज़रूरी है, जो ज़िन्दा हों तो फिर ज़िन्दा नज़र आना ज़रूरी है। नई उम्रों की ख़ुदमुख़्तारियों को कौन समझाये,  कहाँ से बच के चलना है कहाँ जाना ज़रूरी है…….

गौरतलब है कि ये पहला मौका नहीं है जब अजय विश्नोई ने अपनी ही पार्टी की सरकार  पर सवाल नहीं उठाये हों।  कांग्रेस सरकार के गिरने के बाद से गठित हुए शिवराज मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल पाने के बाद से ही अजय विश्नोई नाराज है और अपनी ही पार्टी और सरकार को कठघरे में खड़ा कर नाराजगी जाहिर करते रहते हैं।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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