MP-UP के विवाद को सुलझाने आये केंद्रीय मंत्री शेखावत, ये है पूरा मामला 

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh)और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)में केन-बेतवा लिंक परियोजना (Ken Betwa Link Project) के पानी (Water) के बंटवारे पर शुरू हुए विवाद को सुलझाने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) भोपाल पहुंचे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने उनका मंत्रालय में स्वागत किया। दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) को पूर्व अनुबंध के तहत ही पानी (Water) देना चाहते हैं जबकि उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) की मांग ज्यादा है जिसके बाद ये विवाद पनपा है।

मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि केन-बेतवा लिंक परियोजना (Ken Betwa Link Project) से उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के लिए पानी (Water) के बंटवारे का विवाद सुलझ ही नहीं रहा है। परियोजना से उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) रबी सीजन के लिए 930 मिलियन क्यूबिक मीटर (MCM ) पानी मांग रहा है, जबकि मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) 2005 में हुए अनुबंध की शर्तों के तहत 700 मिलियन क्यूबिक मीटर (MCM) पानी ही देना चाहता है। परियोजना से 930 मिलियन क्यूबिक मीटर (MCM ) पानी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) को देने से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान CM Shivraj Singh Chauhan)के इंकार करने के बाद फिर बैठकों को दौर शुरू हो गया है। भोपाल में बैठक करने के बाद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार के साथ बैठक करने लखनऊ भी जाएंगे। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh)में पहले यह बैठक 11 जनवरी को होने वाली थी, लेकिन अब यह बैठक आज यानि शनिवार को हो रही है। बैठक में शामिल होने के लिए केंद्र के अफसर भी भोपाल आए हैं। केन-बेतवा लिंक परियोजना (Ken Betwa Link Project) में पानी (Water) के बंटवारे को लेकर मंत्रालय में बैठक होने जा रही है। इसमें केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और विभाग के अफसर मौजूद रहेंगे।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....