भोपाल।
शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार (Shivraj cabinet expansion) होते ही नाराजगी का दौर शुरु हो गया है। पूर्व मंत्रियों के बाद MP की पूर्व मुख़्यमंत्री और BJP की फायर ब्रिगेड नेत्री उमा भारती (Former chief minister of MP and BJP’s fire brigade leader Uma Bharti) ने शिवराज कैबिनेट विस्तार क़ो लेकर असंतोष जाहिर किया है। माना जा रहा है कि सिंधिया करीबियों क़ो ज्यादा तवज्जो मिलने से उमा नाराज हैं।
सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, उमा भारती ने पार्टी नेतृत्व से अपनी सैद्धांतिक असहमति जतायी है।उमा का कहना है कि इस मंत्रिमंडल विस्तार में जातीय असंतुलन है। आज मध्य प्रदेश में हुए मंत्रिमंडल विस्तार से जातीय संतुलन गड़बड़ हो गया है। इस मंत्रिमंडल विस्तार से जातीय और क्षेत्रीय समीकरण बिगड़ा है। मेरे समर्थकों की अनदेखी की गई है ,उन लोगो को तवज्जो नही दी गई जो मुझसे जुड़े हैं।सुत्रों की माने तो उमा ने पत्र लिखकर लिस्ट में संसोधन करने को भी कहा है।उमा का कहना है कि उन्हें ज्योतिरादित्य सिंधिया के अपने साथियों के साथ भाजपा में आने की एवं कांग्रेस के ध्वस्त होने की भारी ख़ुशी है। लेकिन मंत्रिमंडल के गठन में उनके सुझावों की पूर्णतः अनदेखी करना उन सबका अपमान है जिनसे वह जुड़ी हुई हैं। इसलिए मंत्रियों की सूची में संशोधन किया जाना चाहिए। मंत्रिमंडल के गठन में मेरे सुझावों की पूर्णत: अनदेखी करना उन सबका अपमान है जिनसे मै जुड़ी हुई हूँ इसलिये जैसे कि मैंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बात की है उसके अनुसार सूची में संशोधन कीजिये। उमा के इस बयान के बाद सियासी गलियारों में खलबली मच गई है। चुंकी भाजपा अभी तक उन्हें ही नही मना पाई है जो मंत्रिमंडल में जगह ना मिलने से नाराज है ,ऐसे में उमा के बयान ने आग में घी डालने का काम कर दिया है।
बता दे कि मध्य प्रदेश में गुरुवार को शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली बीजेपी नीत सरकार के मंत्रिमंडल में 28 नेताओं ने शपथ ली। मंत्रिमंडल विस्तार में 20 कैबिनेट और 8 राज्यमंत्री मंत्री बनाए गए। कैबिनेट में भाजपा के 12, सिंधिया गुट के 5 और कांग्रेस छोड़कर आए 3 नेताओं को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। राज्यमंत्रियों में ज्योतिरादित्य के समर्थकों का पलड़ा भारी रहा। इनमें से नए मंत्रियों में 12 ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक भी शामिल हैं, जिनके मार्च में कांग्रेस से इस्तीफे के बाद राज्य की कमलनाथ सरकार गिर गई थी।28 मंत्रियों की शपथ के साथ ही शिवराज मंत्रिमंडल में सदस्यों की संख्या 33 हो गई है। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए 22 पूर्व विधायकों में से 14 को मंत्री बनाया गया है। वहीं, भाजपा के 101 विधायकों में से 19 को शपथ दिलाई गई।