भोपाल, डेस्क रिपोर्ट
कोरोना संकटकाल(Corona crisis) के बीच मध्य प्रदेश(Madhya Pradesh) में शिक्षकों के लिए अब एक नया संकट सामने आ सकता हैं। शिक्षकों पर वेतन वृद्धि(pay raise), डी ए(DA) रोकने और खराब रिजल्ट के कारण स्कूलों एवं शिक्षकों पर कार्रवाई करने का मन बना चुकी है। वही अब राज्य शासन एक ऐसी व्यवस्था लेकर आने की तैयारी में है।जिससे जिन शिक्षकों की तीन संताने होगी। उन्हें अपात्र माना जाएगा। अब इसके लिए कुछ जिलों में विकास खंड शिक्षा अधिकारियों(Development Block Education Officers) ने शिक्षकों से जुड़ी जानकारी मांगी है। इसके साथ ही उन्हें एक प्रपत्र भी भेजा गया है।
दरअसल पन्ना के इंचार्ज डीईओ(DEO) ने बीईओ से जानकारी मांगी है। जिसके लिए एक प्रपत्र तैयार किया है जिसमें 7 कॉलम है।जानकारी के मुताबिक प्रपत्र के 6वें कॉलम में 26 जनवरी 2001 के बाद जन्मे बच्चों की संख्या की जानकारी का जिक्र करने की मांग की गई है। हालांकि इस मुद्दे पर पन्ना के इंचार्ज डीईओ पी भटनागर का कहना है कि यह जानकारी सिर्फ स्थापना शाखा में संकलन के लिए मांगी गई है। वही इस मुद्दे पर स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार(Minister of State for School Education, Inder Singh Parmar) का कहना है कि यह सिर्फ स्कूल शिक्षा विभाग नहीं बल्कि सभी विभागों के लिए है।पहले भी इस तरह के सर्कुलर जारी किए गए हैं विधानसभा(Assembly) में भी किए गए प्रश्न को लेकर जानकारी मांगी जा रही है।वही इंदर सिंह परमार ने यह भी कहा है कि 26 जनवरी 2001 के बाद इसे संस्थान वाले शासकीय सेवकों की जानकारी पहले भी मांगी गई है। वहीं प्रावधान होने के बाद भी अभी तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
हालांकि इस मामले का संगठन ने विरोध किया है।राजपत्रित अधिकारी संघ के अध्यक्ष अशोक शर्मा और मध्य प्रदेश शिक्षक कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सुभाष सक्सेना ने कहा है कि यह फैसला न्यायोचित नहीं है।वहीं उन्होंने विभाग के प्रमुख सचिव और आयुक्त को ज्ञापन सौंपा और इसका विरोध भी जताया है।जबकि जन शिक्षा अधिकार संरक्षण समिति के संयोजक रमाकांत पांडे ने दावा किया है कि सीढ़ी, रीवा जैसे जिलों में ऐसी कार्रवाई पहले ही हो चुकी है।