भोपाल, डेस्क रिपोर्ट
कमलनाथ(KAMALNATH) की 15 महीने की सत्ता गिरने के बाद वापस से सियासत में लौटी शिवराज सरकार(shivraj government) ने अपने कैबिनेट(cabinet) में विधायकी छोड़ चुके नेताओं को भी मंत्री पद दे दिया है। इसी बात से प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई थी।प्रदेश में चल रही आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति के बाद कांग्रेस(congress) ने दोबारा चुनाव लड़े बिना मंत्री पद पाने वाले विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। अब जिस पर सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) ने विधानसभा के मुख्य सचिव( Chief Secretary of Legislative Assembly) व स्पीकर(speaker) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
दरअसल कमलनाथ सरकार को गिरा कर सत्ता में वापस लौटे शिवराज सरकार ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हुए 22 विधायकों में से कई नेताओं को शिवराज कैबिनेट में जगह दी है। जिसको लेकर कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसमें कहा गया था कि बिना दोबारा चुनाव लड़े और बिना विधायक बने किसी नेता को मंत्री पद दिया जाना उचित नहीं है। इसलिए ऐसे नेताओं को अयोग्य साबित किया जाए। अब इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश की विधानसभा को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा के मुख्य सचिव और स्पीकर को नोटिस जारी कर इस मामले में उत्तर देने की बात कही है।
बता दे कि मध्यप्रदेश में मार्च माह में आई भूचाल के बीच कांग्रेस के 22 विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा देकर बीजेपी का हाथ पकड़ लिया था। जिसके बाद विधायकी से महरूम इन सभी विधायकों में से कुछ को शिवराज कैबिनेट मैं जगह मिली है। जिस पर कांग्रेस विधायक ने आपत्ति जताते हुए याचिका दायर की थी वही प्रदेश में खाली इन 27 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं।अब इस मामले में सियासत होना तो तय है।