इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (madha pradesh) के सियासत में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) के बेटे कार्तिकेय चौहान (Karthikeya Chauhan) की एंट्री लगभग हो चुकी है। 2018 में हुई राज्य की राजनीति में लॉचिंग के बाद से ही छोटे बड़े चुनावी सभा और यूथ संगठन में लगातार कार्तिकेय सिंह चौहान मंच संभाले नजर आ रहे हैं। इसी बीच इंदौर में आयोजित युवा कुंभ में बीजेपी के युवा नेताओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इस मंच को संभालते हुए शिवराज पुत्र भी अपने पिता की राह पर चलते हुए नजर आए। कार्तिकेय भी अपने पिता शिवराज की तरह जमीन से जुड़े रहकर जनता के दिल में जगह बनाएंगे। यह बात उन्होंने मंच से कही।
दरअसल यूथ कुंभ में सभी युवा नेताओं को संबोधित करते हुए कार्तिकेय सिंह चौहान ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री का बेटा हूं। लोग सोचते हैं कि मुझ में क्या कमी है लेकिन ऐसा नहीं है। मुझे पद की कोई लालसा नहीं है। इसके साथ ही शिवराज पुत्र कार्तिकेय चौहान ने कहा कि ताकत किसी पद में नहीं व्यक्ति में होता है। अगर मेरे अंदर काबिलियत होगी तो सियासत में मैं अपने आप आगे बढ़ जाऊंगा।
Read More: MP: शासकीय स्कूल को लेकर आयुक्त ने जिला शिक्षा अधिकारियों को लिखा पत्र, दिए यह बड़े निर्देश
इसके साथ ही जमीनी स्तर से जुड़े रहने का संदेश देते हुए शिवराज पुत्र कार्तिकेय ने कहा अगर आपकी जिंदगी में कठिनाई नहीं है तो आप गलत दिशा में है। इसलिए कठिनाइयों का सामना करें। लोगों के दुख देखकर उसमें शामिल हो। घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाएं। जिससे आपके मन को शांति मिले। कार्तिकेय चौहान ने मंच से कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र आकाश विजयवर्गीय (aakash vijayvargiya) की तारीफ करते हुए कहा कि आकाश दुविधा में नहीं रहते। इसलिए मुझे बहुत पसंद है। वह आर-पार की लड़ाई करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश के युवाओं को नशे से दूर रहने का संदेश दिया।
गौरतलब हो कि 2018 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय चौहान की राजनीति में लॉन्चिंग की गई थी। जहां उन्होंने बुधनी विधानसभा (Budhni Assembly) में पहली बार जनसभा को संबोधित किया था। इसके बाद से हर छोटे-बड़े चुनाव में वह अपने पिता के साथ यह पिता के पक्ष में जनसभा को संबोधित करते रहे हैं। वही हाल में बीते उपचुनाव में भी शिवराज पुत्र कार्तिकेय भगवती पक्षी शिवपुरी जिले के कोलारस में जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे।
बुधनी जिले के बाहर कार्तिकेय का पहला जनसभा था। कार्तिकेय भी अब अपने पिता के पद चिन्हों पर चलते हुए जनता की सेवा और जमीनी स्तर की राजनीति को महत्व देने में यकीन रखते हैं। आगे इनकी काबिलियत इन्हें मध्य प्रदेश की सियासत में कहां लेकर जाती है यह तो वक्त ही बताएगा पर अभी प्रदेश की राजनीति में एक ही युवा चेहरे के तौर पर कार्तिकेय ने अपने विजय कदम चलने शुरू कर दी है।