भिण्ड।गणेश भारद्वाज।
ओ पी एस भदौरिया मैं राजनीति में शुरुआत दिवंगत कांग्रेस नेता माधवराव सिंधिया का हाथ पकड़कर की और यह हां पीढ़ी दर पीढ़ी पकड़ते ही चले गए और उसका परिणाम यह निकला कि सिंधिया ने न केवल एक बार बल्कि दो-दो बार उन्हें कांग्रेस से टिकट दिलाया और जब वे भाजपा में गए तो भाजपा में भी सब कुछ छोड़कर उनके साथ चले गए परिणाम स्वरूप कहीं से भी नाम ना होने के बाद भी आज मेहगांव के पूर्व विधायक ओ पी एस भदौरिया राज्य मंत्री बनाए गए हैं।
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर पहली बार विधायक चुने गए ओ पी एस भदौरिया ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के राकेश शुक्ला को करीब 24000 से अधिक मतों से हराया। इससे पहले 2013 के विधानसभा चुनाव में ओ पी एस भदौरिया भाजपा के मुकेश सिंह चतुर्वेदी से 12 सौ मतों से पराजित हो गए थे कांग्रेस पार्टी ने एक बार दोबारा विश्वास कर उन्हें टिकट दिया जिस पर वे खरे उतरे और 24000 के बड़े अंतर से जीत दर्ज की।
21 अगस्त 1968 को मेहगांव विधानसभा के गोरमी थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले अकलोनी गांव के किसान परिवार में जन्मे ओ पी एस भदौरिया वर्तमान में 52 वर्ष के हो गए हैं और वे अब तक अविवाहित हैं ओ पी एस भदौरिया के पिता का नाम स्वर्गीय हरगोविंद सिंह भदौरिया है जो कि एक सामान्य कृषक थे। 1985 में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन एनएसयूआई से राजनीतिक शुरुआत करने वाले ओ पी एस भदौरिया एनएसयूआई के जिले से लेकर प्रदेश तक के बड़े-बड़े पदों पर रहे उसके बाद कांग्रेस में जिला उपाध्यक्ष से लेकर वर्तमान में प्रदेश सचिव के पद पर तैनात रहे ।
ओ पी एस भदौरिया का पूरा राजनीतिक जीवन पहले स्वर्गीय माधवराव सिंधिया और अब उनके बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया के सिपाही के रूप में गुजरा ओ पी एस भदौरिया सिंधिया के सबसे विश्वस्त व्यक्तियों में से एक माने जाते हैं और सिंधिया ने ही उन्हें मेहगांव विधानसभा से एक नहीं बल्कि 2 बार टिकट दिलवा कर 2018 में पहली बार विधायक बनवाया। कुछ समय पूर्व हुए राजनीतिक घटनाक्रम में प्रदेश की कमलनाथ सरकार को गिराने वाले सिंधिया समर्थक 22 विधायकों में से भदौरिया एक रहे उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में अपनी विधायकी से भी इस्तीफा दे दिया और एक बार फिर से भाजपा का दामन थामने के बाद चुनाव मैदान में जाने की तैयारी में है ओ पी एस भदौरिया लक्ष्मीबाई नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ फिजिकल ग्वालियर के डायरेक्टर भी रहे और चंबल डिविजन क्रिकेट एसोसिएशन के फाइनेंस कमेटी के चेयरमैन भी रहे।