ऊर्जा मंत्री पहुंचे पुलिस थाने, कटवाया अपना चालान, प्रायश्चित भी करेंगे

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। शिवराज सरकार में ऊर्जा मंत्री एवं ग्वालियर के कोरोना प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Pradyuman Singh Tomar) ने अपनी गलती का अहसास होने पर पुलिस थाने (Police Station) पहुंचकर खुद अपना चालान कटवाया और समाज को एक सन्देश देने का प्रयास किया। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि जो अपराध उनसे हुआ है उसके लिए वे प्रायश्चित भी करेंगे, वे श्मशान में श्रमदान करेंगे।

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ऊर्जा मंत्री एवं ग्वालियर के कोरोना प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Pradyuman Singh Tomar) जब अचानक ट्रैफिक थाने पहुंचे और बोले कि मुझे अपना चालान कटवाना है तो थाने का स्टाफ चौंक गया।  वरिष्ठ अधिकारी भी टैफिक थाने पहुंच गए।  पुलिस अधिकारियों से बात करते हुए ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Pradyuman Singh Tomar) ने कहा कि मैं गुरुवार को कोरोना कर्फ्यू के निरीक्षण के लिए एक्टिवा (Activa ) पर निकला था लेकिन मैंने हेलमेट नहीं पहना था इसलिए आप मेरा चालान काट दीजिये।

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ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Pradyuman Singh Tomar) की बात सुनने के बाद पुलिस अधिकारी थोड़ा हिचकिचाए फिर ऊर्जा मंत्री के जिद करने पर उन्होंने 250 रुपये की चालानी रसीद काट दी। बड़ी बात ये है कि जब ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर एक्टिवा चलाकर ट्रैफिक थाने पहुंचे तो वे हेलमेट लगाए हुए थे उन्होंने अपनी गलती नहीं दोहराई।

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चालान कटवाने के बाद ऊर्जा मंत्री एवं ग्वालियर के कोरोना प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर  ने मीडिया से कहा कि मुझसे गलती हुई मैंने अपराध किया, ट्रैफिक का नियम तोडा, बिना हेलमेट पहने दो पहिया वाहन चलाया।  इसलिए मैंने खुद आकर अपना चालान कटवाया है। मैं इसके लिए प्रायश्चित करुँगा, मैं चार शहर का नाका श्मशान पर रविवार को  एक घंटे श्रमदान करूँगा।  पुलिस द्वारा उन्हें नहीं रोके जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसमें पुलिस की गलती नहीं है मैं मंत्री हूँ इसलिए पुलिस से हिचकिचाहट हुई होगी।  मैं अपनी गलती पर क्षमा चाहता हूँ।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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