सीधी बस हादसा: कार्रवाई पर उठ रहे सवाल, उड़नदस्ता प्रभारी पर मेहरबानी क्यों?

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। सीधी बस हादसे (Sidhi Bus Accident) में मृतकों की संख्या बढ़कर 53 हो गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) की नाराजगी के बाद कुछ अधिकारियों को तत्काल से निलंबित कर दिया गया। मुख्यमंत्री के तेवरों को देखते हुए परिवहन आयुक्त सहित परिवहन विभाग का पूरा अमला सड़क पर उतर आया। लेकिन सरकार की कार्रवाई पर अब सवाल उठने लगे हैं। विभाग के गलियारों में ये चर्चा दबी जुबान पर चल रही है कि बस हादसे का जिम्मेदार मानकर प्रभारी आरटीओ (RTO) को तो निलंबित कर दिया गया लेकिन ओवर लोडिंग और नियम विरुद्ध चलने वाली बसों के पर कार्रवाई के लिए तैनात उड़नदस्ता प्रभारी (Flying Squad Incharge) को बचा लिया गया।

सीधी बस हादसे (Sidhi Bus Accident) ने बहुत से परिवारों की खुशियों को छीन लिया। हालांकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) घटना के अगले ही दिन पीड़ित परिवारों से मिले उन्हें सहायता राशि के चैक दिये और ढांढस बंधाया कि वे और उनकी सरकार पीड़ितों के साथ है और उनके जीवन की पूरी चिंता करेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan)ने एक बैठक लेकर घटना के लिए जिम्मेदार मानते हुए सीधी के प्रभारी आरटीओ एसपी दुबे, मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम के डीएम मनोज जैन, एजीएम अमित नरकोसे एवं मैनेजर बीपी तिवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। लेकिन सरकार की कार्रवाई अब सवालों के घेरे में आ गई है। विभाग में चर्चा चल पड़ी है कि घटना के लिए रीवा के संभागीय परिवहन उड़नदस्ता प्रभारी आरबी सिंह (Divisional Transport Flying Squad Incharge RB Singh) को जिम्मेदार क्यों नहीं माना गया? सीधी जिला इनके ही अंडर आता है। यदि परिवहन उड़नदस्ता प्रभारी और उनकी टीम जिम्मेदारी से काम करती तो ओवर लोड बस कैसे दौड़ती?


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....