Thu, Dec 25, 2025

Bhopal : सरकारी जेपी अस्पताल के फीवर क्लिनिक में स्टाफ की बदसलूकी, घंटों इंतजार के बाद बिना जांच लौटाया

Written by:Shruty Kushwaha
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Bhopal : सरकारी जेपी अस्पताल के फीवर क्लिनिक में स्टाफ की बदसलूकी, घंटों इंतजार के बाद बिना जांच लौटाया

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। एक तरफ सरकार (government) कोरोना से बचने तथा ज़रा भी संदेह होने की स्थिति में कोरोना टेस्ट (corona test) कराने की सलाह दे रही है, वहीं सरकार अस्पतालों में फीवर क्लिनिक पर हाल बेहाल है। यहां घंटों लाइन में लगे रहने के बाद भी टेस्ट के लिए इनकार कर दिया जाता है, उसपर वहां बैठा स्टाफ टेस्ट कराने आए लोगो के साथ बदसलूकी कर रहा है। भोपाल के जेपी अस्पताल (1250 hospital) में इस बात पर शनिवार को फीवर क्लिनिक (fever clinic) के स्टाफ और टेस्ट कराने आए लोगो के बीच जमकर बहस और विवाद हुआ। इस दौरान एक फीमेल स्टाफ ने फोटो खींच रहे लोगो में से एक महिला के हाथ से उनका फोन छीनने की कोशिश की, इतना ही नहीं उसने ये तक कह दिया कि मैं तुम्हें एक तमाचा लगा दूंगी।

मामला है राजधानी के जेपी अस्पताल (JP Hospital) का, जहां चार-चार घंटे लाइन में खड़े होकर इंतजार करने के बाद फीवर क्लिनिक ले लोगो को बेरंग लौटा दिया गया। शनिवार को यहां रजिस्ट्रेशन के लाइन में ढाई घंटे से ज्यादा इंतजार करने के बाद लोगो को टेस्ट वाली लाइन में भेजा गया। वहां भी एक-डेढ़ घंटे कड़ी धूप में लाइन में लगने के बाद साढ़े तीन बजे ही टेस्टिंग विंडो बंद कर दी गई। इस बीच लगातार पुलिस वाले कैदियों का टेस्ट कराने आ रहे थे, और आम लोगो को रोककर पहले उनका टेक्ट किया गया। वहीं रजिस्ट्रेशन और टेस्टिंग विंडे पर बैठे स्टाफ का रवैया शुरू से काफी अक्खड़ और बत्तमीजी भरा था। लाइन लंबी थी और स्टाफ बजाय कि रजिस्ट्रेशन और टेस्त करने के, कभी फोन पर बिजी नजर आता तो कभी विंडो से गायब दिखता। इसे लेकर भी बीच बीच में टेस्ट कराने आए लोगो और स्टाफ के बीच जमकर विवाद हुआ।

दोपहर साढ़े 3 बजे जब फीवर क्लिनिक स्टाफ ने समय से पहले ने टेस्टिंग विंडो बंद कर दी तो लोगो ने नाराजगी जाहिर की। इसपर क्लिनिक स्टाफ का कहना था कि हम लोग सुबह 9 बजे से बैठे हैं, जरा हमारे बारे में भी सोचिये। इतना ही नहीं, वो लोगो के साथ बुरे लहजे में बत्तमीजी से बात करते दिखे। एक व्यक्ति ने तो ये तक कह दिया कि आप लोग इधर उधर घूमते रहते हैं और फिर यहां टेस्ट कराने आ जाते हैं। उनका लहजा ऐसा था जैसे वो टेस्ट करके उपकार कर रहे हैं। इसी के साथ स्टाफ लोगो को अगले दिन टेस्ट के लिए आने की सलाह देता रहा।

इस लाइन में घंटों से धूप में कई बुजुर्ग लगे थे, कई बीमार और कई ऐसे युवा जिन्हें या तो कॉलेज में कोरोना रिपोर्ट देनी थी या ट्रेवल के लिए इसकी तत्काल आवश्यकता थी। लेकिन फीवर क्लिनिक में रजिस्ट्रेशन और टेस्टिंग विंडो पर बैठे स्टाफ का व्यवहार ऐसा था जैसे वो लोगो पर एहसान कर रहे हो। हम आपको वीडियो भी दिखाने जा रहे हैं जिसमें समझ आता है कि कितनी लंबी लाइन है और समय से पहले टेस्ट विंडो बंद करने पर लोगो में कितना गुस्सा था। लेकिन इन सबका कोई असर नहीं हुआ और स्टाफ लोगो की तकलीफों को नजरअंदाज करता हुआ ताला लगाकर वहां से चलता बना।