Suicide : युवती ने कहा मैं जहर खा लूंगी, दु:खी होकर युवक ने लगा ली फांसी, जाने पूरा मामला

Gaurav Sharma
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इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी कही जाने वाले इंदौर (Indore) से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां फोन पर हुई कहासुनी के चलते हैं युवती ने युवक को जहर खाने की धमकी (Threatened to attempt suicide) दिए तो युवक ने फांसी लगाकर खुद की जान ले ली (Suicide)। युवती का मैसेज से महज धमकी थी। गौरतलब है कि युवक युवती की 15 मार्च को शादी (Marriage) होने वाली थी और सोमवार को किसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद (Conflict) हो गया था। जिसके चलते लड़की ने युवक को जहर खाने की धमकी केवल मजाक (Prank) में दे दी थी।

यह पूरा मामला इंदौर के बाबा फरीद नगर का है। बाबा फरीद नगर में रहने वाले गुल्लू उर्फ अनस का अपनी मंगेतर के साथ किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। इसी दौरान युवती ने महज धमकी के तौर पर युवक को जहर खाने का मैसेज भेज दिया था। जिसके बाद युवक मेसेज पढ़कर इतना दुखी हो गया कि उसने खुद फांसी लगाकर आत्महत्या (Suicide) कर ली। युवक के आत्महत्या (Suicide) करने की खबर लगते ही परिजन उसे अस्पताल लेकर गए जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।

वहीं इस पूरे मामले को लेकर पुलिस ने बताया कि शुरुआती पड़ताल में यह पता लगा है कि गुल्लू की अपने ही मोहल्ले में रहने वाली एक युवती के साथ दोस्ती थी और फिर दोस्ती प्यार में बदल गई थी। वही दोनों की 15 मार्च को शादी होने वाली थी। दोनों एक दूसरे से घंटों फोन पर बात किया करते थे। सोमवार को दोनों फोन पर बात कर रहे थे कि इसी दौरान दोनों के बीच कहासुनी हो गई। बात देखते-देखते इतनी बढ़ गई युवती ने गुल्लू को फोन पर मेसेज भेज कर कहा कि मैं जहर खा लूंगी। मृतक गुल्लू मैसेज पढ़कर इतना दुखी हो गया कि उसने खुद फांसी लगाकर आत्महत्या (Suicide)कर ली। वही युवती ने मैसेज करने के बाद जहर नहीं खाया था


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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