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Sun, Dec 21, 2025

Swatantra Dev Singh attacked Akhilesh Yadav: कांवड़ यात्रा पर बयान को लेकर स्वतंत्रदेव सिंह का अखिलेश यादव पर पलटवार

Written by:Deepak Kumar
Published:
Swatantra Dev Singh attacked Akhilesh Yadav: कांवड़ यात्रा पर बयान को लेकर स्वतंत्रदेव सिंह का अखिलेश यादव पर पलटवार

Swatantra Dev Singh attacked Akhilesh Yadav

Swatantra Dev Singh attacked Akhilesh Yadav:

उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा 2025 की शुरुआत से पहले ही यह धार्मिक यात्रा सियासत का मुद्दा बन गई है। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा कांवड़ यात्रा को लेकर दिए गए बयान पर अब राजनीति तेज हो गई है। प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने अखिलेश यादव के बयान पर जोरदार प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जो लोग रामभक्तों पर गोली चलवा चुके हैं, उन्हें आस्था की बात करने का कोई हक नहीं है।

स्वतंत्रदेव सिंह ने आरोप लगाया

स्वतंत्रदेव सिंह ने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी के शासन में कभी भी कांवड़ यात्रा की गरिमा और श्रद्धालुओं की सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा गया। लेकिन अब जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद कांवड़ यात्रा की व्यवस्थाओं का हवाई सर्वेक्षण कर रहे हैं, रास्तों की सफाई, सुरक्षा, ट्रैफिक और मेडिकल सुविधाओं का इंतजाम कर रहे हैं—तो अचानक अखिलेश यादव को कांवड़ियों की चिंता सताने लगी है। उन्होंने इसे ‘राजनीतिक अवसरवाद’ करार दिया।

श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो

स्वतंत्रदेव सिंह ने कहा कि भाजपा की सरकार आस्था का सम्मान करती है और हर धार्मिक आयोजन को सुव्यवस्था और सुरक्षा के साथ संपन्न करवा रही है। कांवड़ यात्रा में मांस-मदिरा की दुकानों को बंद कराया जाता है, मेडिकल कैंप और साफ-सफाई की विशेष व्यवस्था की जाती है, ताकि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो।

कैबिनेट मंत्री ने समाजवादी पार्टी पर परिवारवाद का आरोप लगाया

कैबिनेट मंत्री ने समाजवादी पार्टी पर परिवारवाद का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जिस पार्टी में केवल परिवार के लोग ही नेतृत्व कर सकते हैं, उसे लोकतंत्र की बात करने का कोई अधिकार नहीं है। भाजपा एक कैडर आधारित पार्टी है, जहां संगठन में निर्णय लोकतांत्रिक तरीके से लिए जाते हैं।

स्वतंत्रदेव सिंह ने यह भी कहा कि अखिलेश यादव को न तो आस्था की गहराई की समझ है, न ही शासन व्यवस्था का कोई अनुभव। योगी सरकार में श्रद्धा, सुरक्षा और सुव्यवस्था का अनोखा संतुलन बना है। यही वजह है कि धार्मिक आयोजनों में आज उत्तर प्रदेश एक मिसाल बन चुका है।