दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। इस समय पूरी दुनिया की नज़रे तालिबान पर टिकी है। रोजाना वहां से आ रही खबरे सुर्खियों में है।ऐसी ही खबर सामनें आई है। जिसे सुनकर हैरानी होती है। ऐसी ही एक खबर है।तालिबान के टॉप कमांडर से जुड़ी। टॉप कमांडर शेरू जो आज टेरर का एक चेहरा है। कभी हमारे देश भारत में उसने सेना में ट्रेनिंग ली। कब्जे के बाद अब तालिबान अफगानिस्तान में सरकार बनाने की कवायद कर रहा है। इसके लिए तालिबान के टॉप कमांडर पूरी दुनिया से उसे मान्यता देने की दुहाई कर रहे हैं। इन्हीं टॉप कमांडर्स में से एक है शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई जिसका भारत और भारतीय सेना से पुराना नाता है।
शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई ने 1982 में भारतीय सेना के देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री एकेडमी (IMA) से प्री-कमीशनिंग ट्रेनिंग ली थी। इस बैच में उसके साथ भारतीय सेना के ब्रिगेडियर संदीप थापर भी थे। थायर भले ही रिटायर हो चुके हैं लेकिन उन्हें ‘शेरू’ आज भी याद है। शेर मोहम्मद को आईएमए में ‘शेरू’ नाम से जाना जता था।
ब्रिगेडियर थापर का भी बयान सामनें आया हैं जिसमें उन्होंने कहा है कि उनके बैच में चार अफगानी जेंटलमैन फोरेन कैडेट्स थे। शेरू भी उन्हीं चार में से एक था। बाकी अफगानी कैडेट्स की तरह ही शेरू भी बेहद रिजर्व रहता था। फिजीकल ड्रिल भी सामन्य कैडेट्स की तरह करता था। ट्रेनिंग के दौरान कभी भी ऐसा नहीं लगा था कि शेरू कभी मुजाहिद्दीन बन सकता है।
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शेरू आईएमए में डेढ़ साल की मिलिट्री ट्रेनिंग पूरी करने के बाद वर्ष 1982 में पास आउट होकर अफगान नेशनल आर्मी में बतौर लेफ्टिनेंट शामिल हुआ था। 1982 ने आईएमए (IMA) से ट्रेनिंग लेने के बाद शेरू ने अफगान सेना ज्वॉइन की थी। उस समय सोवियत संघ अफगानिस्तान में दाखिल हो चुका था। कुछ साल बाद शेरू अफगानी सेना छोड़कर तालिबान के साथ हो लिया। उस वक्त तालिबान पाकिस्तान और अमेरिका के इशारे पर सोवियत सेना से लड़ रहा था।
1996 में तालिबान ने जब पहली बार अफगानिस्तान में सत्ता संभाली थी तब शेरू को उपविदेश मंत्री बनाया गया था। बाद में जब अमेरिका ने तालिबान को अफगानिस्तान से उखाड़ फेंका तो शेर भी बाकी कमांडर्स के साथ विदेश भाग गया था। पिछले कुछ सालों से वो कतर की राजधानी दोहा में था। हाल ही में जब दोहा से तालिबान के प्रतिनिधिमंडल की तस्वीरें दुनिया के सामने आई तो ब्रिगेडियर थापर ने उसे फौरन पहचान लिया। थापर के मुताबिक शेर मोहम्मद अबास तालिबान की नई सरकार में एक अहम पद पर काबिज हो सकता है। ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि भारत से संबंध सुधारने में शेरू एक अहम भूमिका निभा सकता है।