Gwalior- नगर निगम का TC बोला कौन नहीं लेता आज के जमाने में? वीडियो वायरल, सस्पेंड

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर नगर निगम(Gwalior Municipal Corporation) के पूर्व सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा (Ex City Planner Pradeep Verma) के 50 लाख के रिश्वतकांड की गूंज अभी भी नगर निगम के गलियारों में सुनाई देती है इसी बीच नगर निगम के ही एक और अफसर का रिश्वत(Bribe) लेने की बात स्वीकार करता वीडियो बाहर आया है। वीडियो में नगर निगम के उप राजस्व निरीक्षक एवं कर संग्राहक (TC) योगेंद्र श्रीवास्तव एक संपत्ति के नामांतरण पैसे मांगने की बात करते दिखाई दे रहे हैं। वहीं वे बड़ी साफगोई से कह भी रहे हैं कि आज के जमाने में कौन नहीं लेता ? क्या कमिश्नर साहब नहीं लेते? वीडियो वायरल होने के बाद प्रभारी निगम आयुक्त नरोत्तम भार्गव (Nrottam Bhargav)ने योगेंद्र श्रीवास्तव (Yogendra Shrivastava) को निलंबित कर दिया है।

भृष्टाचार की मजबूत जड़ों वाली नगर निगम बन चुकी ग्वालियर नगर निगम (Gwalior Municipal Corporation) के अधिकारी किस तरह बेखौफ है इसकी बानगी पूर्व सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा ( Ex City Planner Pradeep Verma)  का 50 लाख का रिश्वतकांड है जिसमें उन्हें सड़क पर 5 लाख की रिश्वत लेते EOW ने ट्रैप किया था। बताया जाता है कि प्रदीप वर्मा (Pradeep Verma) पर पूर्व नगर निगम कमिश्नर संदीप माकिन (Ex Municipal Corporation Commissioner Sandeep Makin)का हाथ था। अब संदीप माकिन (Sandeep Makin) की ही छत्रछाया वाले एक और अधिकारी का वीडियो वायरल हुआ है ये हैं उप राजस्व निरीक्षक योगेंद्र श्रीवास्तव(Yogendra Shrivastava)। वार्ड नंबर 18 में बतौर कर संग्राहक (TC)पदस्थ योगेंद्र श्रीवास्तव के दो वीडियो रात से सोशल मीडिया पर वायरल हैं। इन वीडियो में योगेंद्र कुछ लोगों के साथ संपत्ति के नामांतरण के बदले पैसे लेने की बात कर रहे हैं। वे कह रहे हैं कि 65-70 हजार रुपये टैक्स लगेगा और 50 रुपये की रसीद कटेगी इसके अलावा 5-7 हजार रुपये नामांकन के लगते हैं। कोई भी होगा ये ही बताएगा।

दूसरे वीडियो में TC योगेंद्र श्रीवास्तव (Yogendra Shrivastava) बात करते हुए कह रहे हैं कि हमें ऐसा लग रहा है कि दुनिया में सबसे बड़े जघन्य अपराधी हम ही हैं, ना अरोरा जी, ना महेंद्र शर्मा, ना महेश पाराशर, ना लोकेंद्र चौहान है हम सबसे बड़े अपराधी हैं। वीडियो में बात कर रहा एक शख्स कहता है कि महेंद्र पाराशर और अरोरा जी का आप मुझे दे दो, कसम से भाई साहब हम आपके एक पैसे के कर्जदार नहीं हैं। योगेंद्र कर रहे है कि सवाल ये पैदा होता है कि ये कब तक हम करें। शख्स कहता है कि इस बार का बताओ, हम से तो अपराध हो गया। अब समझदारी से काम करो। जवाब में योगेंद्र श्रीवास्तव कह रहे हैं कि सवाल ये पैदा होता है कि कौन नहीं लेता दुनिया में, क्या कमिश्नर साहब नहीं लेते? क्या अरोरा जी नहीं ले रहे?

गौरतलब है कि वीडियो में जिन अरोरा जी की बात हो रही है वो ग्वालियर नगर निगम के संपत्ति कर विभाग में उपायुक्त हैं और शेष नाम इसी विभाग में कर संग्राहक और दूसरे पदों पर पदस्थ अधिकारी कर्मचारी हैं। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद ये नगर निगम प्रशासक एवं संभाग आयुक्त आशीष सक्सेना एवं नगर निगम के प्रभारी आयुक्त नरोत्तम भार्गव के पास पहुंचा। वीडियो देखने और बातचीत सुनने के बाद प्रभारी निगम आयुक्त ने TC योगेंद्र श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया है।

पहले भी वीडियो हो चुका है वायरल

यहाँ बता दें योगेंद्र श्रीवास्तव चर्चित TC यानि कर संग्राहक हैं एक साल पहले जब वे वार्ड 18 में पदस्थ थे तब भी उनका रिश्वत लेता वीडियो वायरल हुआ था लेकिन तब तत्कालीन निगम आयुक्त संदीप माकिन ने उन्हें सजा के तौर पर वार्ड 18 से हटाकर वार्ड 30 में भेज दिया था फिर कुछ दिन बाद वापस वार्ड 18 में ले आये। वार्ड 1 बहोड़ापुर में तैनाती के दौरान भी पुरानी छावनी की एक संपत्ति के मामले में योगेंद्र श्रीवास्तव की जांच चल रही है इसमें योगेंद्र ने किसी निजी व्यक्ति से 54 लाख रुपये की रसीद कटवाई थी और वे पैसे लेकर भाग गया था।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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