द इलेक्ट्रिसिटी रूल्स 2020 : तय समय से ज्यादा कटौती होने पर बिजली कंपनियों को देना होगा ग्राहकों को मुआवजा

भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। रोटी कपड़ा मकान के साथ ही बिजली भी आम जीवन के लिए काफी जरुरी है। आधुनिकता (Modernity) के इस दौर में बिना बिजली (Electricity) के सब सूना है। वहीं बिजली को लेकर इलेक्ट्रिसिटी रूल्स 2020 (Electricty Rules 2020) के नोटिफिकेशन (Notification) को जारी कर दिया गया है, जिसमें देशभर के बिजली ग्राहकों (Electricity Consumer) को कई तरह के अधिकार दिए जाने के बारे में बताया गया है। इस नोटिफिकेशन में ग्राहकों को 24 घंटे बिजली सप्लाई का भी अधिकार (Rights) दिया गया है। वहीं बिजली कटौती (Power Cut) में कंपनियां तय वक्त से ज्यादा कटौती करती है तो ग्राहकों को मुआवजा (Compensation to customers) देने की भी बात कही गई है। इस नोटिफिकेशन के साथ ही नए नियम लागू कर दिए गए हैं।

पावर एंड रिन्यूएबल एनर्जी आरके सिन्हा मंत्री (Power and Renewable Energy Minister  RK Sinha) द्वारा बताया गया कि पूरे देश में बिजली कंपनियों की मोनोपोली (Monopoly) है। एकाधिकार (Monopoly) के कारण ग्राहकों के पास कोई विकल्प नहीं है, इसी के चलते ग्राहकों को उनके अधिकार देने के लिए इन नए रूल्स (News Rules) और इन्हें लागू करने की जरूरत आन पड़ी थी।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।