प्रदेश में आई बाढ़ को लेकर पूर्व सीएम ने जताई चिंता, कहा- बचाव कार्य में लाई जाए तेजी

भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में शुक्रवार से बारिश का दौर लगातार जारी है। लगातार बारिश के चलते प्रदेश के कई जिले बाढ़ की स्थिति से जूझ रहे है। बाढ़ आने से किसानों की फसले भी खराब हो गई है, जिसने शासन-प्रशासन के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है। वहीं आज प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई दौरा कर स्थिति का जायजा लिया।

बाढ़ की स्थिति देखते हुए प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने भी ट्वीट के जरिए चिंता जातई है। पूर्व सीएम ने ट्वीट में लिखा कि प्रदेश में अतिवर्षा का दौर जारी है। प्रदेश के 12 से अधिक ज़िले व 400 से अधिक गाँव बाढ़ की चपेट में है। नदियाँ उफान पर है। बाढ़ ने प्रदेश के कई हिस्सों को प्रभावित किया है। लोगों का भारी नुक़सान हुआ है। मैने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से इस पर चर्चा कर चिंता व्यक्त की है। दूसेर ट्वीट में पूर्व मुख्यमंत्री ने सीएम शिवराज से निवेदन करते हुए प्रभावित इलाक़ों में आपदा, राहत व बचाव के कार्य में तेज़ी लाने को कहा है। साथ ही डूब प्रभावित और निचले बसे इलाक़ों में विशेष ध्यान दिया जाने की भी बात कही है, जिससे कोई जनहानि ना हो। बाढ़ में फँसे लोगों को तेज़ी से निकाला जावे। वहां भी सुरक्षा के समुचित इंतज़ाम किये जावे।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।