दबंगों ने कार अड़ाकर रेत से भरे डंपर रोके, बन्दूक की दम पर कराये खाली

Atul Saxena
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रायसेन, डेस्क रिपोर्ट। दबंगों और माफिया के खिलाफ मध्यप्रदेश में की जा रही ताबड़तोड़ कार्रवाई के बावजूद पुलिस और प्रशासन का खौफ उसपर दिखाई नहीं दे रहा। उल्टा दबंग बेख़ौफ़ होकर सरेराह दबंगई दिखाकर पुलिस को चुनौती दे रहे हैं।  ताजा मामला रायसेन जिले का है जहँ बंदूक की दम पर दबंगों ने रेत से भरे डंपरों को रोका और फिर एक जगह ले जाकर खाली करा लिया।

रायसेन जिले में भी अब भिंड, मुरैना जैसा माहौल देखने को मिलने लगा है।  यहाँ दबंगो ने रेत से भरे 6 डंपरों को कार अड़ाकर रोका और बन्दूक की नोक पर एक वेयर हाउस पर ले जाकर खाली करा लिया। इतना ही नहीं दबंगों ने डंपरों के ड्राइवरो के साथ मारपीट भी की।  खास बात यह कि ये सब चलता रहा थाने से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर।  हालाँकि अब बम्होरी पुलिस मामला दर्ज कर अज्ञात आरोपियो की तलाश कर रही है।

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डंपर मालिक गगन जैन के मुताबिक नरसिंहपुर जिले की संसार खेड़ा खदान से 6 डंपर विदिशा के लिए रेत भरकर निकले , जैसे ही डंपर  बम्होरी के करीब पहुंचे फिल्मी अंदाज में कुछ दबंगों ने डंपरों के आगे कार खड़ी कर दी। डंपर चालको को रोक कर वापस चलने के लिए कहा और जानकी वेयर हाउस में पूरे 6 डंपर खाली करा लिए।  सुबह साढ़े तीन बजे घटी इस घटना की जानकारी मिलने के बाद डंपर मालिक सुबह पहुंचे ओर बम्होरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।

हालांकि पुलिस ने सामान्य  धाराओं में मामला दर्ज कर लिया लेकिन इस मामलों को दबाने का प्रयास भी किया जा रहा है। उधर एसडीओपी पीएन गोयल का कहना है कि मामला दर्ज करा लिया गया है।  पुलिस का कहना है कि आरोपियों की तलाश जारी है।

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गौरतलब है कि रायसेन जिले की रेत खदानों का ठेका जब से निरस्त हुआ है हर दूसरा व्यक्ति अवैध तरीके से रेत खदान चलाना चाहता है इसलिए संसार खेड़ा से आ रहे इन डंपरों को जबरन खाली कराया और दहशत का माहौल बनाया जिससे यह डंपर अवैध रेत खनन कर रहे रेत माफियाओ के यहां से रेत भर सकें।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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