MP के इस शहर से संविधान का गहरा नाता, केन्द्रीय पुस्तकालय में उपलब्ध है भारतीय संविधान की मूल प्रति, संविधान निर्माण में भी रहा है योगदान

दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत का संविधान तैयार करने में ग्वालियर का भी योगदान रहा है। संविधान सभा में ग्वालियर रियासत की ओर से दो प्रतिनिधि लेफ्टीनेंट कर्नल बृजराज नारायण व हेमचन्द्र जगोबाजी खांडेकर सक्रिय सदस्य के रूप में थे।

Atul Saxena
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The original copy of the Indian Constitution

Constitution Day: देश आज संविधान दिवस मना रहा है, आज ही के दिन हमारा संविधान बनकर तैयार हुआ था जो 26 जनवरी 1950 को देश में लागू हुआ, भारत के हर नागरिक के लिए संविधान सर्वोपरि है, इस संविधान में भारत के नागरिक के अधिकार और कर्तव्य समाहित है, देश एक एक एक व्यक्ति की सुरक्षा का कवच है भारत का संविधान, आपको बता दें कि संविधान के निर्माण में बहुत से शहरों का जिक्र होता है मध्य प्रदेश के ग्वालियर का भी इसमें बड़ा योगदान है, खास बात है कि ग्वालियर में भारत के संविधान की मूल प्रति भी मौजूद है

भारतीय संविधान को अंगीकृत करने के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में ग्वालियर जिले में भी उत्साह व उमंग के साथ “हमारा संविधान – हमारा स्वाभिमान” अभियान आयोजित किया गया। संविधान दिवस 26 नवम्बर के अवसर पर जिले के विभिन्न सरकारी कार्यालयों सहित जगह-जगह भारतीय संविधान की उद्देशिका का वाचन किया गया। कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने जन-सुनवाई सभागार में उद्देशिका का वाचन किया और कार्यक्रम में मौजूद वरिष्ठ अधिकारियों और नागरिकों ने इसे दोहराया। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू अरुण कुमार व श्री टी एन सिंह एवं संयुक्त कलेक्टर सहित जिला प्रशासन व विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिकों ने भी भारतीय संविधान की उद्देशिका का वाचन किया।

ग्वालियर में कई जगह आयोजित हुआ “हमारा संविधान – हमारा स्वाभिमान” कार्यक्रम 

कलेक्टर श्रीमती चौहान सहित सभी अधिकारियों ने संविधान दिवस पर संविधान निर्माता बाबा साहब अम्बेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। साथ ही कार्यक्रम में मौजूद सभी प्रतिभागियों को संविधान दिवस की बधाई व शुभकामनायें दीं। संविधान दिवस पर जिला शिक्षा केन्द्र व जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, महिला हॉकी अकादमी कम्पू, उप संचालक कृषि कार्यालय, जिला सहकारी बैंक, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, उप संचालक पशुपालन कार्यालय, लोक निर्माण विभाग, पुरातत्व संग्रहालय गूजरी महल एवं जनपद पंचायत कार्यालय भितरवार व जन अभियान परिषद भितरवार सहित अन्य शासकीय कार्यालयों में भी संविधान की उद्देशिका का वाचन किया गया। साथ ही “हमारा संविधान – हमारा स्वाभिमान” अभियान के तहत अन्य गतिविधियां आयोजित की गईं।

जिला पंचायत में अध्यक्ष श्रीमती दुर्गेश जाटव ने किया उद्देशिका का वाचन

संविधान दिवस पर जिला पंचायत कार्यालय परिसर में भी कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस अवसर पर जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती दुर्गेश कुँवर सिंह जाटव ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की एवं संविधान की उद्देशिका का जिला पंचायत परिवार के साथ सामूहिक वाचन किया। इस आयोजन में जिला पंचायत की उपाध्यक्ष श्रीमती प्रियंका सतेन्द्र सिंह घुरैया भी शामिल हुईं।

बाल भवन में महापौर एवं अन्य जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में हुआ आयोजन

संविधान दिवस के अवसर पर बाल भवन में आयोजित हुए कार्यक्रम में महापौर डॉ. शोभा सतीश सिंह सिकरवार ने सभी उपस्थित जनप्रतिनिधियों एवं नागरिकों के साथ संविधान की उद्देशिका, मूल अधिकार एवं मूल कर्तव्यों का वाचन किया। साथ ही सभी को संविधान दिवस की बधाई व शुभकामनायें दीं। इस अवसर पर नगर निगम आयुक्त अमन वैष्णव भी उपस्थित थे। बाल भवन परिसर में संविधान सभा पर केन्द्रित प्रदर्शनी भी लगाई गई। कार्यक्रम में भाग लेने आए जनप्रतिनिधियों एवं शहर के नागरिकों ने बड़ी रुचि के साथ इस प्रदर्शनी को देखकर संविधान के संबंध में अपना ज्ञानवर्धन किया।

संविधान पर केन्द्रित फिल्म का प्रदर्शन भी हुआ

संविधान दिवस पर बाल भवन में आयोजित हुए कार्यक्रम में राज्य शासन द्वारा तैयार कराई गई संविधान पर केन्द्रित लघु फिल्म भी दिखाई गई। इस लघु फिल्म में भारतीय संविधान के निर्माण मंब मध्यप्रदेश की भूमिका को बड़े करीने से रेखांकित किया गया है।

सांस्कृतिक एवं पारंपरिक खेल प्रतियोगिताओं का भी हुआ आयोजन

संविधान दिवस पर बाल भवन में आयोजित हुए कार्यक्रम में “हमारा संविधान – हमारा स्वाभिमान” अभियान के तहत सांस्कृतिक एवं पारंपरिक खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन भी हुआ। जिसमें रस्साकशी एवं कबड्डी खेल प्रतियोगिता में विभिन्न टीमों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में विद्या भवन स्कूल एवं एकलव्य खेल परिसर की टीम विजेता रही, जिन्हें मंच से ट्रॉफी प्रदान कर सम्मानित किया गया।

संविधान सभा में शामिल थे ग्वालियर के दो प्रतिनिधि

आपको बता दें, दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत का संविधान तैयार करने में ग्वालियर का भी योगदान रहा है। संविधान सभा में ग्वालियर रियासत की ओर से दो प्रतिनिधि लेफ्टीनेंट कर्नल बृजराज नारायण व हेमचन्द्र जगोबाजी खांडेकर सक्रिय सदस्य के रूप में थे। भारत का अपना संविधान तैयार करने के लिए बनी संविधान सभा में 11 ब्रिटिश प्रांतों से 299 सदस्य चुने गए थे। इसके अलावा भारतीय रियासतों के 93 प्रतिनिधि भी शामिल किए गए थे, जिनमें ग्वालियर रियासत के भी दो प्रतिनिधि सम्मिलित थे। संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर भी मध्यप्रदेश के महू में जन्मे थे।

2 वर्ष 11 महीने 17 दिन में तैयार हुआ था संविधान

संविधान सभा ने 2 वर्ष 11 महीने 17 दिन में संविधान तैयार किया था। आज ही के दिन यानि 26 नवम्बर 1949 में भारत का संविधान अपनाया गया था। इसीलिए हर साल 26 नवम्बर को संविधान दिवस मनाया जाता है। संविधान सभा के सभी सदस्यों ने संविधान की तीन प्रतियों, एक हस्तलिखित अंग्रेजी, एक छपी अंग्रेजी और एक हस्तलिखित हिंदी पर सभी सदस्यों ने हस्ताक्षर किए, जो आज भी मौजूद हैं। भारत का यह अपना संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था।

ग्वालियर के केन्द्रीय पुस्तकालय में उपलब्ध है भारत के संविधान की मूल प्रति, आम नागरिकों ने देखा

भारतीय संविधान की मूल प्रति ग्वालियर में भी मौजूद है। महाराज बाड़ा स्थित शासकीय केन्द्रीय पुस्तकालय में यह प्रति रखी हुई है। साथ ही इसकी डिजिटल प्रतिलिप भी पुस्तकालय में तैयार की गई है। संविधान दिवस पर संविधान की यह मूल प्रति सहित देश की आजादी से संबंधित 21 पुस्तकें केन्द्रीय पुस्तकालय में शहर के आम नागरिकों के अवलोकन के लिये रखी गई है।

डिजिटल स्क्रीन पर लोगों ने देखा संविधान

संविधान की मूल प्रति देखने के लिये बड़ी संख्या में शहर के नागरिक पहुँचे। लगभग 1000 नागरिकों ने संविधान की मूल प्रति एवं डिजिटल प्रति को 65 इंच की स्क्रीन पर देखा। संविधान की मूल प्रति देखने आए नागरिकों ने जनप्रतिनिधियों एवं पुस्तकालय प्रबंधक  विवेक कुमार सोनी व अन्य अधिकारी-कर्मचारियों के साथ संविधान की उद्देशिका का सामूहिक वाचन भी किया।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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