मध्य प्रदेश (madhya pradesh) के कृषि कल्याण एवं विकास राज्य मंत्री (agriculture welfare and devlopment state minister) गिर्राज दंडोतिया (girraj dandotia) का एक विवादास्पद निर्देश सामने आया है ।मुरैना (morena) की दिमनी dimni विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके गिर्राज सिंधिया (scindia) के कट्टर समर्थक माने जाते हैं और उन्हीं के साथ कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थामा है। अब गिर्राज को दोबारा विधायक का चुनाव लड़ना है सो चुनाव भी तैयारियां शुरू हो गई है ।
तैयारियों के तहत गिर्राज दंडोतिया ने अपने विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले स्थानों में पदस्थ पुलिसकर्मियों के नाम, मोबाइल नंबर एवं वह कितने समय से पदस्थ हैं, इनकी सूची मांगी है ।यहां तक तो ठीक था लेकिन मंत्री जी ने एक जानकारी और मांगी है कि कौन सा पुलिसकर्मी किस जाति का है ।मंत्री जी का यह विवादास्पद निर्देश न केवल प्रशासनिक हलकों में बल्कि राजनीतिक हलकों में भी हड़कंप मचा गया है ।यह पहला मौका है जब किसी मंत्री ने इस तरह की जानकारी मांगी हो ।हालांकि मंत्री जी का कहना है कि उन्हें अपने क्षेत्र में पदस्थ पुलिस कर्मियों की जानकारी होनी चाहिए इसीलिए यह निर्देश दिया गया है।
लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि जाति ,धर्म और संप्रदाय के आधार पर भेदभाव न करने का दावा करने वाले राजनेता आखिरकार इस तरह के निर्देश कैसे दे सकते हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि गिर्राज इस समय मध्य प्रदेश के मंत्री पद पर भी पदस्थ हैं। कांग्रेस इस मामले में मंत्री जी की शिकायत चुनाव आयोग से करने जा रही है कि उन्हें इस पर ऐसे जातिगत आधार पर भेदभाव करने के आरोप में क्यों न चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित कर दिया जाए ।यह पहला मौका नहीं जब मंत्री गिर्राज विवादों में घिरे हो। दो दिन पहले ही अपने विधानसभा क्षेत्र के दतहरा गांव में उन्हें भीड़ ने न केवल घेर लिया था बल्कि उनकी मुर्दाबाद के नारे लगाए थे ।भीड़ ने तो यहां तक आरोप लगाया था कि मंत्री जी ने उन लोगों के ऊपर ऐसा करने पर झूठे केस लगवा कर अंदर कराने की धमकी भी दी थी।