भोपाल, डेस्क रिपोर्ट
बीजेपी (BJP) की नई कार्यकारिणी की घोषणा को लेकर संगठन के बड़े नेताओं को चिंता होने लगी है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष (BJP State President) बनने के बाद एक लंबा समय वीडी शर्मा (VD Sharma) को होगा है, लेकिन जातिगत समीकरण (Cast Equation) के साथ बड़े नेताओं को संगठन में जिम्मेदारी को लेकर कशमकश जारी है।
असल में कार्यकारिणी स्थापित न होने का मुख्य कारण यह भी है कि पार्टी युवाओं को ज्यादा से ज्यादा अवसर देने के साथ संगठन में पीढ़ी परिवर्तन पर सहमति नहीं बन पा रही है। भाजपा में सामूहिक निर्णय होते हैं, पर जवाबदेह अध्यक्ष को माना जाता है। अंतिम निर्णय प्रदेशाध्यक्ष के स्तर पर नहीं हो पा रहा है। सरकार बनाने से लेकर मंत्रिमंडल विस्तार और फिर विभागों के बंटवारे के कारण भी कार्यकारिणी में विलंब हुआ है।
बीजेपी की नई कार्यकारिणी में शामिल किए जाने वाले नेताओं को लेकर सत्ता-संगठन और हाईकमान के बीच सहमति नहीं बन रही है जिसके चलते यह देरी हो रही है। प्रदेश में 27 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने कार्यकर्ताओं को सक्रिय करना तो शुरू कर दिया है लेकिन बड़े वर्ग की नजर नए प्रदेशाध्यक्ष की टीम पर है।