भोपाल।मध्यप्रदेश में सत्ता की लड़ाई अपने अंतिम पड़ाव पर जा पहुंची है। आज सीएम कमलनाथ ने सीएम हाउस में कैबिनेट बैठक बुलाई है।बैठक में मंत्रियों के पहुंचने का सिलसिला शुरु हो गया है।बैठक में इस बात का होगा फैसला कि सरकार विश्वास मत हासिल करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष से निवेदन करें या नहीं। कैबिनेट बैठक के पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कानूनविदो को विचार विमर्श करने के लिए बुलाया था। वही कई वरिष्ठ मंत्रियों को अपने निवास पर भी बुलाया गया है।
इस बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) भी मौजूद रहेंगे। दिग्विजय सिंह बैठक शुरू होने से काफी पहले सीएम के आवास पर पहुंच चुके हैं। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को नियमों के मुताबिक काम करना चाहिए और हम अध्यक्ष ऐसा करने की ही उम्मीद रख रहे हैं। आज कि यह बैठक कमलनाथ सरकार के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।फ्लोर टेस्ट और राज्यसभा चुनाव से पहले इस बैठक में ब़ड़ा फैसला लिया जा सकता है।
सुत्रों की माने तो कांग्रेस के नेताओं की रणनीति है कि विधानसभा में बहुमत नहीं होता है तो कांग्रेस के सभी विधायक इस्तीफा देगे। माना जा रहा है कि राज्यपाल के अभिभाषण के तुरंत बाद सीएम कमलनाथ भी इस्तीफा देने पर विचार कर सकते हैं । फ्लोर टेस्ट के पहले ही कमलनाथ इस्तीफा दे सकते हैं । हालांकि सरकार लगातार बहुमत में होने का दावा कर रही है, लेकिन पर्याप्त विधायकों के ना होने पर सरकार फ्लोर पर कैसे बहुमत सिद्ध कर पाएगी।यह बड़ा सवाल है। अब कमलनाथ कैबिनेट रुख के बाद ही पता चल पाएगा कि सरकार फ्लोर टेस्ट की स्थिति में है या नही।वही शाम में विधायक दल की बैठक बुलाई गई है।इसमें फ्लोर टेस्ट से पहले कल के लिए रणनीति तैयार की जाएगी।
इधर मध्यप्रदेश के राज्यपाल ने सीएम कमलनाथ को चिट्ठी लिखकर कहा है कि आपकी सरकार अल्पमत में है ।आप विश्वास मत हासिल करें। सरकार 16 मार्च, सोमवार को अपना बहुमत साबित करे। राज्यपाल ने कहा है कि उनके अभिभाषण के तुरंत बाद बहुमत परीक्षण कराया जाए। साथ ही इसकी वीडियोग्राफी कराने को भी कहा है।
इधर स्पीकर के पाले में गेंद है। छह कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए गए है, शेष 16 विधायकों के मामले में स्पीकर का निर्णय महत्वपूर्ण होगा।सभी विधायकों को आज पेश होने का नोटिस दिया गया है।अब देखना है कि विधायक पहुंचते है या नही।अब यही कदम कमलनाथ सरकार के भाग्य का फैसला करेगा।
बता दें कि सीएम कमलनाथ ने शनिवार देर रात गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर विधायकों को वापस भोपाल लाने के लिए सीआरपीएफ बल की मांग की है। वहीं कांग्रेस ने विधायकों के लिए व्हिप जारी किया है, और कहा है कि विधायकों को नियमों का पालन करना होगा, जो विधायक व्हिप का पालन नहीं करेगा उस पर नियम अनुसार कार्रवाई होगी। साथ ही कहा है कि साल का पहला सत्र है, पहले राज्यपाल का अभिभाषण होने दें उसके बाद हम फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं।वहीं बीजेपी ने भी राज्यपाल के अभिभाषण के पहले ही फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की है।