समय को साध लिया सब सिद्ध है- प्रवीण कक्कड़

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आजकल जो चुनौतियां हम सबके सामने हैं, उनमें से एक बड़ी चुनौती है वक्त (Time) की कमी। लोग अक्सर यह कहते सुने जाते हैं कि फलां काम करने का उन्हें वक्त ही नहीं मिला या फिर यह कि व्यस्तता इतनी ज्यादा है कि अमुक काम कर ही नहीं पाते। यह कहने के साथ लोग यह कहना भी नहीं भूलते कि काम करने का उनका मन तो बहुत था। हमें पता है कि दिन में 24 घंटे होते हैं, उन्हें बढ़ाया नहीं जा सकता।

सोने, खाने, विश्राम और नित्य क्रिया के समय को भी कम नहीं किया जा सकता। जो लोग इसे कम करने का प्रयास करते हैं वे अनावश्यक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की जकड़ में आ जाते हैं, तो फिर समय को कैसे साधा जाए। इसके लिए असल में जरूरत है कि समय को उपयोग में कैसे लाया जाए। अगर कुछ महत्वपूर्ण व्यक्तित्व पर निगाह डालें तो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तो जब भी कोई बैठे रहने वाला काम करते थे तो उस संवाद के बीच में वह सूत कातने या सब्जी काटने का काम भी कर लिया करते थे।


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Kashish Trivedi

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