Ujjain : प्रशासन ने किए पत्थराव करने वालों के घर जमीनदोज़, काजी ने दी कलेक्टर को धमकी

Gaurav Sharma
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उज्जैन,डेस्क रिपोर्ट। उज्जैन (Ujjain) में दो समुदायों (Between Two Communities) के बीच पथराव ( Stone pelting) होने का मामला सामने आया था, जिस पर कार्रवाई करते हुए प्रशासन (Administration) ने करीब 12:00 बजे पथराव करने वाले लोगों के घर को तोड़ने पहुंची, जहां लोग इसका विरोध (Protest) करने लगे। इस दौरान महिलाएं और बच्चे भी विरोध करते हुए सड़कों पर आ गए।

अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर के निर्माण (Ram Temple Construction) के लिए धनराशि इकट्ठा करने के लिए शुक्रवार की शाम उज्जैन (Ujjain) में आरएसएस (RSS) की बैठक आयोजित करने से पहले कानून व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए उपद्रवियों ने पत्थरबाजी की जिसे लेकर आज शनिवार को प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। पत्थरबाजी (Stone Pelting) करने वाले उपद्रवियों के घरों को तोड़ने के लिए प्रशासन जब वहां पहुंची, तो लोग विरोध करने लगे। इस दौरान पुलिस और लोगों के बीच धक्का-मुक्की भी हो गई। वही पुलिस ने लोगों को खदेड़ते हुए आरोपियों के घर को जमींदोज कर दिया।

विरोध के दौरान शहर काजी भी वहां पहुंचे, जहां कलेक्टर (Collector) और शहर काजी के बीच बातचीत हो गई। इस दौरान शहर काजी ने कलेक्टर से कहा कि आप कार्रवाई (Action) रुकवा दीजिए, नहीं तो 15 मिनट में गेम खराब हो जाएगा और आप कुछ नहीं कर पाएंगे। जिसका जवाब देते हुए कलेक्टर ने कहा कि आप तो पहले धरना प्रदर्शन (Protest) रुकवाइये, इसके बाद ही बात करेंगे। इस तरह से कलेक्टर की चेतावनी (Warning) के बाद स्थिति कुछ नियंत्रण में आई। वहीं प्रशासन ने भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया है।

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जानकारी के अनुसार राम मंदिर के निर्माण को लेकर शुक्रवार को धनराशि संग्रह (Donation) कार्यक्रम के तहत हिंदू संगठनों ने उज्जैन (Ujjain) में एक रैली निकाली। इस दौरान बेगमबाग इलाके में कुछ विशेष समुदाय के लोगों ने रैली में शामिल लोगों के ऊपर पथराव कर दिया, जिसमें करीब 10 कार्यकर्ता घायल भी हुए हैं। जिनमें से दो की हालत काफी गंभीर बताई जा रही है। इस पूरे मामले पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए स्थिति को नियंत्रण में लिया, साथ ही वीडियो फुटेज के आधार पर आरोपियों की तलाश में जुट गई।

इसी मामले को लेकर शनिवार को पुलिस बेगमबाग इलाके पहुंची, जहां पर पुलिस ने आरोपियों के घरों को चिन्हित कर तोड़ने की कार्रवाई (Action) शुरू कर दी। इस कार्रवाई का विरोध करते हुए विशेष समुदाय के लोग इसका विरोध करने लगे। इस दौरान लोगों का कहना था कि पुलिस निर्दोषों पर कार्रवाई कर उनका मकान गिरा रही है। वहीं लोगों ने इस कार्रवाई को रोकने की मांग की है।

दो समुदायों के बीच हुए पथराव के बाद तनाव वाली स्थिति उत्पन्न हो गई, जिसे संभालने के लिए पुलिस ने दो तरफा रणनीति अपनाई। इस रणनीति के तहत पुलिस ने सबसे पहले जिम्मेदार लोगों को अपने साथ किया और आम जनता को समझाने की अपील की। पूरे इलाके में धारा 144 लागू की गई, जिसके बाद स्थिति कुछ नियंत्रण में आई। वहीं पुलिस ने हंगामा करने वाले लोगों को खदेड़ते हुए इलाके में पुलिस बल तैनात कर दिया है।

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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