उज्जैन, डेस्क रिपोर्ट। माधव नगर अस्पताल परिसर में मरीज की मौत के बाद परिजन बैठे धरने पर बैठे। परिजनों का आरोप है कि मरीज जब जिंदा था तो पॉजिटिव था और अब मर गया। हॉस्पिटल वालों का कहना है कि वह नेगेटिव है और बॉडी अपने साथ ले जाने की बात अस्पताल प्रबंधन कर रहा है। वंही मृतक की बेटियों ने आरोप लगाया की रेमेडीसीवीर के 6 इंजेक्शन उज्जैन के अलग अलग दुकानों से खरीद कर दिए। जो की करीब एक लाख रुपए के आसपास में मिले।
पहले दो डोज 25 हजार में बाद में कोई 13 और कोई 17 हजार में मिला। उसके बाद भी हमारी माँ को बचाया नहीं जा सका और अब अस्पताल के डॉक्टर कह रहे है की आपकी माँ नेगेटिव थी। इस बात से नाराज होकर मर्तक के परिजन सहित तीन बेटिया आज धरने पर बैठ गयी। इस पर तत्काल कार्यवाही करते हुए उज्जैन कलेक्टर ने एसडीएम को भेज कर पुरे मामले को शांत करवाया और परिजन को पॉजिटिव रिपोर्ट सौपने की बात कही।
ये था पूरा मामला
उज्जैन सेल टेक्स में क्लर्क के पद पर काम करने वाली 41 वर्षीय कृष्णा वासेन को सांस लेने में दिक्कत हुई तो उन्होंने 12 अप्रेल को जांच कराई। जिसमे उनके लंग्स में इंफेक्शन के साथ साथ कोरोना पॉजिटिव भी पायी गयी। इंफेक्शन के ज्यादा होने की वजह से माधव नगर अस्पताल में भर्ती कराया गया और 6 रेमेडीसीवीर इंजेक्शन भी लगाये गए। मर्तक कृष्णा की तीन बेटिया है संजना, अंजलि और प्रिया, पिता का साया पहले ही तीनो बेटियों के सर पर से उठ चुका है और माँ का कोरोना हो गया। आज जब सुबह अस्पताल प्रबंधन ने मृतक के परिजनों को खबर की तो कहा गया की आपकी माँ की डेथ बाड़ी आप ले जाओ। वो नेगेटिव थी। जिस पर से परिजन नाराज हो गए और तीनो बेटियों के साथ अस्पताल के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठ गए।
कलेक्टर ने तुरंत सज्ञान लिया
उज्जैन कलेक्टर को जिस हंगामे की सुचना मिलने पर उन्होंने तुरंत सज्ञान लिए और माधव नगर अस्पताल में मौजूद एसडीएम अभिषेक वर्मा को मामले की जानकारी लेने को कहा। कलेक्टर आशीष सिंह ने ये भी कहा की मरीजों के साथ डाकटर ऐसा क्यों कर रहे है। में दिखवाऊंगा ऐसे मामले पहले भी मेरे पास आये है। इधर एसडीएम ने नाराज परिजनों से बात की और उन्हें मृतक कृष्णा की पॉजिटिव रिपोर्ट ही देने की बात कह कर मामले को शांत करवाया।