नगरीय निकाय चुनाव – कांग्रेस की निगाहें आदिवासी वोट बैंक पर, इस नेता को कमान  

Atul Saxena
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। 2018 के विधानसभा चुनावों (Assembly elections) में भाजपा (BJP) के आदिवासी वोट बैंक (Tribal vote bank) को अपनी तरफ मोड़ने में कामयाब हुई कांग्रेस (Congress) अब नगरीय निकाय चुनाव( Urban body elections) में भी इसे बरक़रार रखना चाहती है, हालाँकि ये बड़ी चुनौती है क्योंकि विधानसभ चुनाव (Assembly elections) और नगरीय निकाय चुनाव (Urban body elections) दोनों के मुद्दे और वोटर की समस्याएं अलग अलग होती हैं। कांग्रेस हाई कमान ने आदिवासी वोट बैंक (Tribal vote bank)  को साधे रखने की जिम्मेदारी वरिष्ठ नेता एवं प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक (Mukul Wasnik) को दी है। मुकुल वासनिक (Mukul Wasnik) 28 से 30 जनवरी तक पांच आदिवासी जिलों में दौरा करेंगे और मतदाताओं का मन टटोलेंगे।

पिछले लम्बे समय से आदिवासी वोटर (Tribal voter) भाजपा (BJP) का वोट बैंक था, लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव (Assembly elections) में कांग्रेस (Congress) ने प्रदेश की 47 आदिवासी सीटों में से 31 सीटें जीत कर  इसमें बड़ा फेरबदल ही नहीं किया बल्कि सबको चौंका दिया था। जबकि इससे पहले भाजपा को इतनी ही सीटें मिला  करती थी। कांग्रेस इस आंकड़े को नगरीय निकाय चुनावों (Urban body elections) में भी जारी रखना चाहती है।  यही वजह है कि कांग्रेस प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक 28 से 30 जनवरी तक मंडला, डिंडौरी, अनूपपुर, उमरिया व शहडोल के दौर पर रहेंगे। इस दौरान वे इन जिलों उम्मीदवारों का चयन करने से पहले क्षेत्रीय नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे।

ये है जिलेवार कार्यक्रम 

जानकारी के मुताबिक जो कार्यक्रम तय हुआ है उस हिसाब से मुकुल वासनिक (Mukul Wasnik) 28 जनवरी को मंडला और डिंडौरी, 29 जनवरी को अनूपपुर व शहडोल और 30 जनवरी को उमरिया में बैठकें करेंगे। पार्टी सूत्रों पर भरोसा करें तो मुकुल वासनिक का ये दौरा नगरीय निकाय चुनाव के साथ आगामी विधानसभा की तैयारी के रूप में भी महत्वपूर्ण है।

पार्टी जल्दी जारी करेगी ट्राइबल डॉक्यूमेंट

कांग्रेस सूत्र बताते हैं कि पिछले विधानसभा चुनावों में उम्मीद से अधिक आदिवासी  सीटें मिलने के बाद पार्टी  आदिवासी  जिलों के लिए प्लान तैयार किया गया है जिसकी  पहली कड़ी में प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ  पिछले माह आदिवासी  जिलों के विधायकों, जिला अध्यक्षों सहित अन्य प्रदाधिकारियों की बैठक  हैं। इस बैठक में पूर्व सांसद व पूर्व विधायकों को भी आमंत्रित किया गया था।  बैठक में निर्णय लिया गया था कि पार्टी इस साल ट्राइबल डॉक्यूमेंट (Tribal Document)भी जारी करेगी। जिसमें कांग्रेस की सरकार बनने पर आदिवासियों के लिए लायी जाने वाली योजनाओं के बारे में बताया जाएगा।

47 आदिवासी सीटों में से 31 पर कांग्रेस का कब्जा

मध्य प्रदेश में 47 आदिवासी विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव में 47 में से 31 सीटों पर जीत दर्ज की थी। उसके बाद कांग्रेस ने एक आदिवासी विधानसभा सीट झाबुआ उप-चुनाव में भी जीती थी। वर्तमान में कांग्रेस के पास 31 आदिवासी विधायक हैं।

कांग्रेस का आदिवासियों पर इसलिये है फोकस

मध्य प्रदेश के कुल जनसंख्या का लगभग 21 प्रतिशत मतदाता आदिवासी हैं। आने वाले नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में आदिवासी मतदाता  का चुनाव जीतने में  महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। कांग्रेस को  2018 के विधानसभा में जिस तरह से आदिवासी  बाहुल्य क्षेत्रो में जिस तरह सफलता मिली है, उसे पार्टी बरकरार रखना चाहती है। इसलिए पूरा फोकस आदिवासी वोट बैंक पर करना चाहती है।

 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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