दरअसल सरकार ने नगर निगम और नगर पालिका में पार्षद पद का चुनाव लडना महंगा कर दिया है। अब इसके लिए पार्षद पद के उम्मीदवारों को अधिक जमानत राशि जमा करनी होगी। इस मामले में राज्य सरकार ने राज्य निर्वाचन आयोग के परामर्श पर मध्य प्रदेश नगर पालिका निर्वाचन नियम 1994 में बदलाव किया है। हालांकि अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी के साथ महिला प्रत्याशियों को जमानत राशि कुल राशि का आधा हिस्सा ही देना होगा। इतना ही नहीं इसके साथ नगरीय निकाय चुनाव में पार्षद पद के लिए एक और नियम में बदलाव किए गए हैं। जिसके मुताबिक एक नया प्रावधान मतपत्र को भी लेकर लागू किया गया।
बता दें कि नगरीय आम चुनाव में नगर पालिका में पार्षद पद पर खड़े होने की उम्मीद वार को 3000 रुपए जमानत राशि जमा करनी होती थी परंतु इस बार आम चुनाव में यह जमानत राशि को बढ़ाकर 5000 रुपए कर दिया गया है। इसके साथ ही नगर निगम चुनाव में पार्षद पद हेतु जमानत राशि 5000 रुपए थी। जिसे बढ़ाकर 10000 रुपए कर दिया गया है। हालांकि नगर परिषदों में पार्षद पद के चुनाव हेतु जवान शास्त्री 1000 रुपए ही रखी गई है। वहीं अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी और महिला वर्ग को जमानत राशि आधी देनी होगी।
अध्यक्ष पद के चुनाव में जमानत राशि
इसके अलावा नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष पद के चुनाव में जमानत राशि को 15000 रुपए और 10000 रुपए और नगर निगम चुनाव में मेयर पद के लिए 20000 रुपए ही रखा गया है। पार्षद पद के चुनाव में डाले गए मतों का बंडल भी अलग बनाया जाएगा और उस पर पार्षद पद का उल्लेख किया जाएगा। बता दे कि ऐसी व्यवस्था में अध्यक्ष के मध्य पत्रों को लेकर भी की जा चुकी है।
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पोलिंग बूथ की व्यवस्था
इसके साथ ही नगरीय निकाय चुनाव में 22000 पोलिंग बूथ की व्यवस्था होगी। जिस पर एक करोड़ 68 लाख मतदाता अपने मत का उपयोग करेंगे। नगर निकाय के विभिन्न पदों के लिए उम्मीदवारों को ऑनलाइन फॉर्म का प्रिंट चुनाव अधिकारी को सपना होगा। जिसके बाद नॉमिनेशन के लिए सारे कागजात चुनाव अधिकारी को सौंपने होंगे।
वही पोलिंग बूथ पर 1000 वोटों की ही व्यवस्था की जाएगी। जिन्हें सैनिटाइज किया जाएगा इसके साथ ही मास्क नहीं होने पर वोटरों को मत देने का अधिकार नहीं होगा। हर पोलिंग बूथ पर थर्मल स्कैनर भी लगाया जाएगा। जिससे लोगों की थर्मल चेकिंग की जाएगी।
इसके साथ ही यदि कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमण की चपेट के आने के बाद क्वॉरेंटाइन है तो वोटिंग के आधे घंटे के बाद स्वास्थ्य अधिकारियों की देखरेख में उसे मत देने का अधिकार होगा। कोरोना संक्रमित, संदिग्ध और क्वॉरेंटाइन लोग पोस्टल बैलट के माध्यम से वोट डाल सकेंगे। कोरोना संक्रमित, संदिग्ध लोगों को फर्स्ट कम फर्स्ट बेसिस पर प्रेफरेंस दिया जाएगा और उन्हें लाइन में नहीं लगाया जाएगा।