ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर में मंगलवार सुबह पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के 220 KVA के बड़े ट्रांसफार्मर में आग लग गई। आग लगने के कारण लगभग आधे शहर की सप्लाई अचानक ठप पड़ गई। आग की सूचना फायर ब्रिगेड को दी गई और करीब 20 गाड़ियों की मदद से आग पर काबू पाया जा सका। घटना की गंभीरता को देखते हुए एयरफोर्स स्टेशन की भी फायर ब्रिगेड मौके पर पहुँच गई थी। खास बात ये है कि जिस ट्रांसफार्मर में आग लगी वो 37 साल पुराना है जबकि नियमानुसार 25 साल में ट्रांसफार्मर बदल दिया जाता है।
मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के महलगांव स्थित सब स्टेशन पर मंगलवार की सुबह उस समय दहशत फ़ैल गई जब वहां लगे 160 MVA / 220 KVA के ट्रांसफार्मर में अचानक आग लग गई। आग लगते ही उसे बुझाने के प्रयास स्टाफ ने किये और फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। सूचना के बाद एक के बाद एक कर फायर ब्रिगेड की 20 गाड़ियों ने पानी और फोम फेंककर आग को काबू किया लेकिन खबर लिखे जाने तक ट्रांसफार्मर के तार और वायरिंग में आग धधक रही थी जिसे बुझाने के प्रयास जारी थे।
पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के जिस 220 KVA के ट्रांसफार्मर में आग लगी उससे महलगांव, सिटी सेंटर, ठाठीपुर सहित लगभग आधे शहर के लिए बिजली सप्लाई की जाती है। आग लगने से बिजली सप्लाई बाधित हो गई और करीब दो घंटे तक लगभग आधा शहर बिना बिजली के रहा।
कंपनी के कार्यपालन यंत्री दिलीप निगड़ीकर के मुताबिक 160 MVA /220 KVA के जिस ट्रांसफार्मर में आग लगी है वो 37 साल पुराना है इसे बदलने की प्रक्रिया चल रही थी लेकिन अचानक किसी आतंरिक फॉल्ट के कारण इसमें आग लग गई जिस पर काबू पा लिया गया है। गौरतलब है कि ट्रांसफार्मर को 25 साल में बदलने का नियम है लेकिन पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी अपनी उम्र से 12 साल अधिक चल चुके ट्रांसफार्मर से ही शहर को बिजली सप्लाई कर रही थी।
दर असल पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी का ये सब स्टेशन जहाँ स्थित है उसके पास में है बिजली कंपनी का एरिया स्टोर है जहाँ शहर में लगने वाले नए और पुराने ट्रांसफार्मर को रखा जाता यहाँ बड़ी मात्रा में ट्रांसफार्मर रखे हुए। बिजली कंपनी के एरिया स्टोर और पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी का महलगांव सब स्टेशन पास पास में ही है इसलिए यदि समय रहते आग पर काबू नहीं किया जाता तो आग एरिया स्टोर तक पहुँच सकती थी।
नगर निगम के फायर ब्रिगेड अमले के मुताबिक आग लगने की सूचना मिलते ही तत्काल 6 गाड़ियां रवाना की गई फिर 20 गाड़ी पानी और फोम की मदद से ट्रांसफार्मर की आग को बुझा दिया गया। घटना की गंभीरता को समझते हुए एयरफोर्स की गाड़ी को भी बुला लिया गया था।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....