समय पर एम्बुलेंस सुविधा ना मिलने से महिला की मौत, रास्ते में तोडा दम

Kashish Trivedi
Published on -

बैतुल, वाजिद खान। मध्य प्रदेश के बैतूल में एम्बुलेंस समय पर ना पहुचने से एक महिला की मौत होने का मामला सामने आया है । ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है और मामले की जांच की मांग की है ।बताया जा रहा है कि बैतूल के घोड़ाडोंगरी ब्लॉक का भंडारपानी गांव 1800 फीट ऊपर पहाड़ी पर बसा है। यहां जाने के लिए रास्ता नहीं है। भंडारपानी की जग्गोबाई पति इंदर (28) की डिलीवरी पिछले महीने अगस्त में हुई थी। जहां उसने बेटी को जन्म दिया था लेकिन एक महीने बाद पेट मे दर्द और बलडिंग के कारण उसकी मौत हो गई। परिवार वालो का आरोप है कि एम्बुलेंस ओर सरकारी सुविधाएं मिल जाती तो उसकी जान बच जाती।

यहां के अधिकांश बच्चों की डिलीवरी गांव में ही होती है क्योंकि गर्भवती ऐसी हालत में नीचे नहीं आ पाती। जग्गो बाई ने अगस्त में बच्ची को जन्म दिया था । लेकिन 9 सितंबर को रात में अचानक दर्द और बलडिंग होनी लगी तब 10 सितंबर की सुबह ग्रामीणों ने बॉस से बनी झोली में महिला को नीचे लाया लेकिन 108 एम्बुलेंस नही पहुची।इस पर गांव के लाेगाें ने लकड़ी पर कपड़े की झोली बनाकर उसे कंधों पर 1800 फीट नीचे इमलीखेड़ा (सड़क तक) ले आए। दावा किया गया है बुधवार दोपहर 12.46 बजे 108 पर एंबुलेंस के लिए फोन किया, भोपाल से सूचना मिली कि घोड़ाडोंगरी की एंबुलेंस ढाई घंटे बाद मिल पाएगी।

इसके बाद नूतन डंगा गांव के सरपंच साबू लाल, सचिव मालेकार सरकार ने प्राइवेट वाहन की व्यवस्था की और घोड़ाडोंगरी अस्पताल के लिए महिला व परिजनों को रवाना किया, लेकिन 10 किमी दूर तबियत बिगड़ने पर रास्ते में पड़ने वाले उप स्वास्थ्य केंद्र आम ढाना में इलाज के लिए दिखाया गया लेकिन महिला की मौत पहले ही हो चुकी थी श्रमिक आदिवासी संगठन के राजेंद्र गढ़वाल ने कहा उन्होंने 108 पर एंबुलेंस के लिए फोन किया था, लेकिन एंबुलेंस नहीं आई। पीड़िता एंबुलेंस का इंतजार करती रही। अगर एंबुलेंस समय पर आ जाती तो शायद महिला की मौत नहीं हो सकती थीं। इस मौत का कौन जिम्मेदार है। अब नवजात बच्ची और दो बच्चों को कौन संभालेगा। सरकार को पीड़ित परिवार को राहत राशि देना चाहिए। ताकि परिवार चल सकें।

समाजसेवी, राजेंद्र अग्रवाल का कहना है कि पहाड़ी से महिला को गोली में लेकर आए और एंबुलेंस को फोन किया ढाई घंटे तक एंबुलेंस का इंतजार किया लेकिन एंबुलेंस नहीं आई तब प्राइवेट वाहन से महिला को अस्पताल ले जा रहे थे रास्ते में उप स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचे जहां महिला की मौत हो गई इसमें स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही है)

डॉ प्रदीप धाकड़, CMHO, बैतूल का कहना है कि पहुंच बिहीन मार्ग है उन्होंने 108 को फोन लगाया था लेकिन 108 दूसरे मरीज को लेकर गई थी इसलिए पहुंचने ही पाई है। इसकी मेने जानकारी ली है।

 


About Author
Kashish Trivedi

Kashish Trivedi

Other Latest News