आज से 3 दिन बाद आजादी का दिन स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा। इस दिन सुबह से ही सरकारी दफ्तरों में तिरंगा लहराता हुआ नजर आता है। स्कूलों में बच्चों और जवानों के बीच अलग ही उत्साह देखने को मिलता है। इस दिन राजधानी दिल्ली में स्थित लाल किले में प्रधानमंत्री द्वारा ध्वजारोहण भी किया जाता है। इस दौरान वहां हजारों की संख्या लोग हिस्सा लेने आते हैं। वीवीआइपी लोग बतौर स्पेशल गेस्ट शामिल होते हैं। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस फोर्स की बड़ी टीम तैनात रहती है। सीसीटीवी कैमरे द्वारा पूरे परिसर में नजर रखा जाता है, ताकि किसी प्रकार की अनहोनी ना हो। यह दिन देशभक्ति के लिए बहुत बड़ा दिन होता है। सुबह से शहर के हर एक कोने में देश की शान तिरंगा लहराता हुआ नजर आता है।
वहीं, लोग भक्ति गीत बजाते हैं और इस दिन को सेलिब्रेट करते हैं। यह वह खास मौका होता है, जब देश की आजादी के लिए लड़े गए जवानों और शहीद हुए सैनिकों को याद भी किया जाता है। इस साल भी 15 अगस्त मनाए जाने के लिए पहले से ही तैयारी शुरू कर दी गई है। भीड़भाड़ और जाम से बचाव के लिए ट्रेफिक एडवाइजरी भी तैयार की जा रही है।
हर घर तिरंगा अभियान की झलक
इसका एक अद्भुत नजारा मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में देखने को मिला, जहां कावड़ यात्रा तिरंगे के रंग में रंगी हुई नजर आई। इस दौरान सभी कावड़ियों में भरपूर जोश देखने को मिला। सावन का महीना अब खत्म हो चुका है, लेकिन शिव भक्त अभी भी उनकी भक्ति में लीन नजर आ रहे हैं। जिसका एक अनोखा संगम बोदरली गांव में देखने को मिला। यहां खड़कोद तक पैदल कावड़ यात्रा निकाली गई। आज भी यानी 11 अगस्त को भी इसकी झलक पूरे जोश के साथ कांवड़ियों में देखने को मिली है, जहां सैकड़ों की संख्या में शिव भक्त तिरंगा लेकर निकले। उनके अंदर देश के प्रति अलग ही जज्बा देखने को मिला। इन कांवड़ियों में महिला, पुरुष सहित बच्चे भी शामिल हुए।
गूंजे देशभक्ति के नारे
बता दें कि पूरे देश भर में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। जिसकी झलक हमें देश भर के कोने-कोने से देखने को मिल रही है, जो कि बोदरली में भी दिखाई जहां हर घर तिरंगा अभियान का असर कावड़ यात्रा में देखने को मिला। इस दौरान देशभक्ति के नारे की गूंज भी सुनाई दी। स्थानीय लोगों का कहना है कि वह अपनी धार्मिक मान्यताओं के साथ-साथ बच्चे और सभी अन्य नागरिकों के अंदर देशभक्ति का जज्बा जागना चाहते हैं, जो उन्हें स्वेच्छा से जागना चाहिए, क्योंकि हमें अपने देश के वीरों का बलिदान आने वाले पीढ़ियों तक पहुंचना है। इसलिए कांवड़ियों के हाथों में गंगाजल के साथ-साथ तिरंगा भी लहराता हुआ दिखा।
बुरहानपुर, शेख रईस





