केंद्र सरकार के करीब 33 लाख कर्मचारी और पेंशनभोगी इस समय आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) का इंतजार कर रहे हैं। जनवरी 2024 में इसके गठन की घोषणा तो कर दी गई थी, लेकिन अभी तक इसकी औपचारिक शुरुआत नहीं हुई है। अब एक नई रिपोर्ट ने इस बीच सभी की बेचैनी बढ़ा दी है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि इस बार वेतन में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हो सकती।
कोटक रिपोर्ट का दावा: कम होगा फिटमेंट फैक्टर
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर सिर्फ 1.8 हो सकता है। अगर ऐसा होता है तो कर्मचारियों के वेतन में सिर्फ 13% तक की बढ़ोतरी होगी। तुलना करें तो 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिससे न्यूनतम वेतन में 14.3% तक की वृद्धि हुई थी। उस समय अगर किसी कर्मचारी का बेसिक वेतन 20,000 रुपये था, तो वह बढ़कर करीब 51,400 रुपये हो गया था।
क्या होता है फिटमेंट फैक्टर? जानिए आसान भाषा में
फिटमेंट फैक्टर एक ऐसा गुणांक है जिससे पुराने बेसिक वेतन को गुणा करके नया वेतन तय किया जाता है। यह सिर्फ बेसिक सैलरी पर लागू होता है, न कि भत्तों पर। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी कर्मचारी का वर्तमान बेसिक वेतन 20,000 रुपये है और नया फिटमेंट फैक्टर 1.8 होता है, तो नया बेसिक वेतन 36,000 रुपये होगा। यह जरूरी नहीं है कि कुल वेतन में भी उतनी ही वृद्धि हो, क्योंकि कुल वेतन में भत्ते, बोनस, और अन्य सुविधाएं भी जुड़ी होती हैं।
जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना, देरी पर मिलेगा एरियर
अब तक आठवें वेतन आयोग के अध्यक्ष और सदस्य नियुक्त नहीं किए गए हैं। हर दस साल पर नया वेतन आयोग गठित होता है। आयोग बनने के बाद राज्य व केंद्र सरकार के प्रतिनिधि, विशेषज्ञ और कर्मचारी संगठन मिलकर सुझाव देते हैं। इसके बाद रिपोर्ट तैयार होती है और कैबिनेट से मंजूरी ली जाती है। अगर सब कुछ समय पर होता है तो 8वां वेतन आयोग जनवरी 2026 से लागू हो जाएगा। अगर इसमें देरी होती है, तो सरकार इसे बैकडेट से लागू करके एरियर के रूप में वेतन बढ़ोतरी का भुगतान कर सकती है।





