Tue, Dec 30, 2025

अब इस दिवालिया कंपनी को खरीदने के लिए अदाणी ग्रुप ने लगाई इतने करोड़ की बोली, रेस में ये नाम भी हैं शामिल

Written by:Rishabh Namdev
Published:
अदाणी ग्रुप एक और बड़ी डील के करीब है। दरअसल इस बार अदाणी ग्रुप ने दिवालिया हो चुकी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) के अधिग्रहण के लिए ₹12,500 करोड़ की सबसे बड़ी बोली लगाई है।
अब इस दिवालिया कंपनी को खरीदने के लिए अदाणी ग्रुप ने लगाई इतने करोड़ की बोली, रेस में ये नाम भी हैं शामिल

भारत के सबसे चर्चित कारोबारी समूहों में से एक अदाणी ग्रुप ने अब दिवालिया हो चुकी जयप्रकाश एसोसिएट्स को खरीदने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। दरअसल बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अदाणी ग्रुप ने ₹12,500 करोड़ की बिना शर्त बोली लगाकर अन्य दावेदारों से खुद को काफी आगे कर लिया है। बताया जा रहा है कि इस बोली में अदाणी ग्रुप ₹8,000 करोड़ से ज्यादा की एडवांस पेमेंट भी करने को तैयार है, जो उन्हें अन्य प्रतियोगियों से अलग बनाता है।

हालांकि, कंपनी की तरफ से अभी कोई आधिकारिक फैसला नहीं लिया गया है। वहीं खास बात ये है कि इस रेस में वेदांता, जिंदल पावर और पीएनसी इंफ्राटेक जैसी दिग्गज कंपनियां भी शामिल हैं, लेकिन अदाणी ने सभी को पीछे छोड़ते हुए खुद को टॉप दावेदार बना लिया है।

IBC के तहत इसकी नीलामी की जा रही

दरअसल जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) एक समय देश की बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों में गिनी जाती थी। रियल एस्टेट, सीमेंट, होटल, पॉवर और स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे कई सेक्टर्स में कंपनी की मौजूदगी रही है। लेकिन वित्तीय संकट और कई परियोजनाओं में देरी के चलते कंपनी पर कर्ज का बोझ बढ़ गया और उसे दिवालिया घोषित किया गया। अब IBC के तहत इसकी नीलामी की जा रही है। वहीं वेदांता, डालमिया ग्रुप, पीएनसी इंफ्राटेक और जिंदल पावर जैसे बड़े नाम भी इसे खरीदने की रेस में थे। लेकिन अदाणी ग्रुप ने सबसे बड़ी पेशकश करके यह दिखा दिया है कि वह इस डील को लेकर कितने गंभीर हैं।

कब हो सकती है यह डील?

पिछले कुछ सालों में अदाणी ग्रुप ने कई सेक्टर्स में अपना दबदबा बढ़ाया है। एयरपोर्ट्स, पोर्ट्स, एनर्जी, डेटा सेंटर और मीडिया के बाद अब उनकी नजर इंफ्रास्ट्रक्चर और रियल एस्टेट सेक्टर पर है। जयप्रकाश एसोसिएट्स का अधिग्रहण उन्हें उत्तर भारत में बड़ी ज़मीन, अटकी हुई स्पोर्ट्स सिटी और होटल प्रोजेक्ट्स पर कंट्रोल देगा, जिससे ग्रुप को लॉन्ग टर्म में फायदा हो सकता है। हालांकि JAL की स्पोर्ट्स सिटी परियोजना एक कानूनी विवाद में फंसी हुई है, जो सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इस मामले में हल निकलने पर ही डील पूरी तरह से आगे बढ़ पाएगी।