काम के घंटों की बहस में आनंद महिंद्रा भी शामिल, कहा – ‘मेरी पत्नी बेहद खूबसूरत है और मुझे उन्हें निहारना अच्छा लगता है’

युवाओं को सप्ताह में कितने घंटे काम करना चाहिए? इस पर छिड़ी बहस में अब आनंद महिंद्रा भी शामिल हो गए हैं। बता दें कि नारायण मूर्ति ने युवाओं को 70 घंटे काम करने की सलाह दी थी। इसके बाद एलएनटी के अध्यक्ष एस.एन. सुब्रमण्यम ने इस बहस को 90 घंटे काम करने की बात कहकर नई दिशा दी थी।

Rishabh Namdev
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इस समय सोशल मीडिया पर भारतीय व्यापारियों के बीच काम के घंटों को लेकर बहस चल रही है। यह मुद्दा अब तूल पकड़ता हुआ नजर आ रहा है। इसी बीच आनंद महिंद्रा ने एक बयान दिया, जो काफी सुर्खियां बटोर रहा है। दरअसल, आनंद महिंद्रा ने कहा कि ‘मेरी पत्नी बेहद खूबसूरत है और मुझे उन्हें निहारना अच्छा लगता है।’ आनंद महिंद्रा का यह बयान अब चर्चा का विषय बन गया है।

इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति ने कहा था कि युवाओं को सप्ताह में 70 घंटे काम करना चाहिए और सातों दिन काम पर ध्यान देना चाहिए। उनके इस बयान का समर्थन एलएनटी के अध्यक्ष एस.एन. सुब्रमण्यम ने भी किया था। सुब्रमण्यम ने कहा कि सप्ताह में 90 घंटे काम करना चाहिए।

जानिए क्या बोले आनंद महिंद्रा

लेकिन, अब इस बहस ने नया मोड़ ले लिया है। बीते दिन आनंद महिंद्रा ने इस पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाना चाहिए, न कि उसकी मात्रा पर। “यदि आप 10 घंटे भी अच्छे से काम करते हैं तो वह पर्याप्त है। हमें 40 घंटे, 70 घंटे या 90 घंटे की बहस पर ध्यान नहीं देना चाहिए। सवाल यह होना चाहिए कि आपके काम का परिणाम क्या है। भले ही यह 10 घंटे का काम हो, आप 10 घंटे में दुनिया बदल सकते हैं।” आनंद महिंद्रा ने कहा कि घंटे को लेकर चल रही यह बहस गलत दिशा में जा रही है। इसके साथ ही आनंद महिंद्रा ने कहा कि “हमें परिवार के साथ समय बिताना बहुत जरूरी है। यदि आप घर पर समय नहीं बिता रहे हैं, मित्रों को समय नहीं दे रहे हैं, और चिंतन-मनन का समय नहीं है, तो आप सही निर्णय लेने के लिए आवश्यक इनपुट कैसे जुटा पाएंगे?”

आप अपनी पत्नी को कब तक निहार सकते हैं?: एस.एन. सुब्रमण्यम

दरअसल, एलएनटी के अध्यक्ष एस.एन. सुब्रमण्यम ने सोशल मीडिया पर सवाल किया था कि “आप अपनी पत्नी को कब तक निहार सकते हैं?” बता दें कि दिल्ली में राष्ट्रीय युवा महोत्सव को संबोधित करते हुए आनंद महिंद्रा ने कहा कि “मैं X पर इसलिए नहीं हूं कि मैं अकेला हूं, बल्कि इसलिए हूं कि मेरी पत्नी बहुत खूबसूरत है और मुझे उन्हें निहारना अच्छा लगता है। मैं यहां दोस्त बनाने नहीं आया हूं, बल्कि इसलिए आया हूं कि मुझे इस मंच पर 1.1 करोड़ लोगों से प्रतिक्रिया मिलती है।”


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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