Angel Tax: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 में एंजल टैक्स हटाने की घोषणा कर निवेशकों और स्टार्टअप्स को बड़ी राहत दी है। दरअसल यह कदम लंबे समय से स्टार्टअप्स द्वारा की जा रही मांगों के जवाब में उठाया गया है। वहीं इस घोषणा से स्टार्टअप्स के लिए फंडिंग प्रक्रिया को सरल और अधिक आकर्षक बनाया जा सकेगा, जिससे देश में उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा। अगर आप एंजल टैक्स से अनजान है तो आज इस खबर में हम आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं।
क्या है एंजल टैक्स?
दरअसल एंजल टैक्स वह कर है जो अनलिस्टेड कंपनियों को एंजल निवेशकों से मिलने वाली फंडिंग पर लगाया जाता था। जानकारी के अनुसार यह टैक्स आयकर अधिनियम 1961 की धारा 56 (2) (vii) (b) के तहत आता है। जब किसी स्टार्टअप को उसकी वास्तविक बाजार मूल्य (FMV) से अधिक निवेश प्राप्त होता था, तो उसे 30.9% का एंजल टैक्स चुकाना पड़ता था। इसका उद्देश्य काले धन को रोकना था, लेकिन इसके परिणामस्वरूप स्टार्टअप्स को अनावश्यक बोझ का सामना करना पड़ता था।
स्टार्टअप्स और निवेशकों को राहत
वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा, “मैं स्टार्टअप्स में निवेशकों के सभी वर्गों के लिए एंजल टैक्स को खत्म करने का प्रस्ताव करती हूं।” दरअसल इस घोषणा से स्टार्टअप्स को बड़ी राहत मिली है और यह उनके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। अब स्टार्टअप्स को निवेशकों से फंडिंग प्राप्त करने में आसानी होगी और उन्हें भारी टैक्स चुकाने की चिंता नहीं रहेगी।
दरअसल स्टार्टअप्स और निवेशक लंबे समय से एंजल टैक्स के खिलाफ थे। इसका प्रमुख कारण यह था कि कई बार स्टार्टअप्स को उनकी वास्तविक बाजार मूल्य से अधिक राशि में निवेश प्राप्त होता था, जिससे उन्हें अत्यधिक टैक्स चुकाना पड़ता था। एंजल टैक्स के कारण निवेशकों के बीच अनिश्चितता बढ़ गई थी, और स्टार्टअप्स को फंडिंग हासिल करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। यह टैक्स स्टार्टअप्स की प्रगति में एक बड़ी रुकावट बन गया था, जिसे अब सरकार ने हटाकर एक सकारात्मक पहल की है।